
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में हो रहे ASI सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यों को सुरक्षित और संरक्षित करने की मांग को लेकर हिंदू महिला वादिनी राखी सिंह की ओर से एक एप्लीकेशन कोर्ट में दी गई थी. इसे लेकर वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ASI और जिला प्रशासन को आदेश दिया कि सर्वे के दौरान जो भी तथ्य मिलें, उन्हें सुरक्षित और संरक्षित किया जाए. साथ ही साथ जिला अदालत ने आदेशित किया कि कमीशन की कार्रवाई के दौरान जो सबूत और साक्ष्य मिले हैं. उनको भी संरक्षित किया जाए.
बता दें कि हिंदू पक्ष से वादिनी महिला राखी सिंह द्वारा याचिका डाली गई थी, जिसमें कहा गया था कि ASI सर्वे के दौरान जो तथ्य मिल रहे हैं, उन तथ्यों से मुस्लिम पक्ष छेड़छाड़ कर सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए जो साक्ष्य सर्वे के दौरान मिल रहे हैं. उन्हें सुरक्षित किया जाए.
हिंदू पक्ष के वकील अनुपम द्विवेदी ने कहा कि वादिनी राखी सिंह और उनके अधिवक्ता की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, जिसमें यह मांग की गई थी कि एविडेंस को प्रिजर्व किया जाए. उनकी इस मांग को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने एएसआई को कहा गया है कि वह दो लिस्ट तैयार करेंगे, जिसमें जो भी तत्व वहां मिल रहे हैं. वह सब लिस्ट में नोट किए जाएंगे और उसकी कॉपी न्यायालय और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दी जाएगी. साथ ही कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को ऑर्डर दिया कि वह अपने किसी ऑफिसर को नियुक्त करेंगे, जो सारे एविडेंस को अपने पास रखेंगे, और जब कोर्ट उन्हें मांगेगा तो उन एविडेंस को उनके सामने प्रस्तुत करेगा.
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कर रही एएसआई की टीम को 4 हफ्ते का समय और मिल गया है. उम्मीद है कि एएसआई की टीम अगले महीने 6 अक्टूबर तक जिला जज एके विश्वेश की कोर्ट को रिपोर्ट सौंप देगी. पिछली सुनवाई के दौरान जज अजय कृष्ण विश्वेश ने समय देते हुए कहा था कि एएसआई ध्यान रखे कि सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही हो. उन्होंने एक बार फिर एएसआई को ताकीद की कि कहीं कोई खुदाई न की जाय इसका पूरा ध्यान रखा जाए.