
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. इसके पहले चरण का काम इसी साल दिसंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को होगी. 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन पीएम नरेंद्र मोदी इससे जुड़े समारोह में शामिल होंगे. इन सबके बीच इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले अयोध्या आ सकते हैं और रामलला के दर्शन कर सकते हैं? यह चर्चा बेवजह नहीं है. इस चर्चा के पीछे राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की गुपचुप अयोध्या यात्रा है.
दरअसल, यह पूरी चर्चा राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ विजय महाजन की अयोध्या यात्रा के बाद शुरू हुई. कुछ दिन पहले विजय महाजन अयोध्या आए थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से मुलाकात की है. इसके बाद से यह चर्चा चल पड़ी कि राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की यह यात्रा कहीं राहुल गांधी के रामलला के दर्शन के लिए जमीन तैयार करने के लिए तो नहीं थी.
'आज तक' ने जब राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास से संपर्क किया तो उन्होंने बताया- 'चार पांच लोग आए थे. हम नहीं जानते कि उनके नाम क्या थे. उन्होंने पूछा था कि राहुल जी अगर दर्शन करने आते हैं तो कैसे क्या होगा. इसपर हमने कहा कि आते हैं तो बहुत अच्छी बात है. हालांकि, आने के समय के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया. उन लोगों ने कहा कि वहां (दिल्ली) बातचीत होने के बाद फिर हम आपसे मिलेंगे और इस बारे में बात करेंगे. मैंने उनसे कहा कि ठीक है आप मिल लेना और निश्चित करके बताना.'
फिलहाल, इस बात की पुष्टि अभी तक ना तो राहुल गांधी के करीबी सूत्रों की तरफ से हुई है ना ही पार्टी की तरफ से लेकिन राजीव गांधी फाउंडेशन के सीईओ की यात्रा ने चर्चा को जरूर हवा दे दिया है.
प्रियंका-राहुल पहले भी आ चुके हैं अयोध्या
बता दें कि इसके पहले 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी अयोध्या आए थे. यहां उन्होंने हनुमानगढ़ी में दर्शन किए थे लेकिन वह रामलाल का दर्शन करने नहीं गए थे. वहीं, 2019 के चुनाव में प्रियंका गांधी भी अयोध्या आई थीं और वह भी हनुमानगढ़ी गई थीं लेकिन रामलाल का दर्शन करने नहीं गईं.
तब कांग्रेस नेताओं का कहना था कि रामजन्मभूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए वह लोग वहां नहीं गए. लेकिन अब जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है और राम मंदिर बन रहा है, ऐसे में कांग्रेस के शीर्षस्थ नेताओं को वहां जाने में कोई आपत्ति नहीं होगी.