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Ayodhya Ram Mandir: 'अखिलेश यादव उनसे बड़े हिंदू लेकिन...', रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर बोले सपा सांसद एसटी हसन

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित कार्यक्रम और अखिलेश यादव के इस आयोजन से दूरी बनाने को लेकर सपा सांसद एसटी हसन का बयान आया है. एसटी हसन ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव उनसे बड़े हिंदू हैं.

सपा सांसद एसटी हसन (फाइल फोटो) सपा सांसद एसटी हसन (फाइल फोटो)
जगत गौतम
  • मुरादाबाद,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के लिए निमंत्रण को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ ही लेफ्ट के नेताओं ने इस आयोजन के लिए न्यौता अस्वीकार कर दिया है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने भी इस आयोजन से दूरी बना ली है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी चर्चा में हैं.

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से दूरी बना रहे विपक्ष के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मोर्चा खोल रखा है. बीजेपी के नेता विपक्ष को राम मंदिर का विरोधी बताते हुए घेर रहे हैं तो वहीं विपक्षी पार्टियां डिफेंसिव मोड में नजर आ रही हैं. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कार्यक्रम से को लेकर अब मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा के सांसद एसटी हसन का बयान आया है.

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सपा सांसद ने कहा है सारे हिंदुओं का ठेका बीजेपी के पास ही नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव भी श्रीरामचंद्रजी को मानने वाले हैं. एसटी हसन ने साथ ही यह भी कहा कि हमारे नेता (अखिलेश यादव) उनसे (बीजेपी के नेताओं से) बड़े हिंदू हैं लेकिन उसका राजनीतिकरण नहीं करते. उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से दूरी को लेकर कहा कि हम इसमें क्या कह सकते हैं. शंकराचार्य जो कह रहे हैं, वह तो सबको मालूम ही होगा.

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एसटी हसन ने कहा कि श्रीरामचंद्रजी का इतना बड़ा स्टेटस है. क्या हमें वोट के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना चाहिए? उन्होंने साथ ही अखिलेश को निमंत्रण मिलने की भी पुष्टि की है. गौरतलब है कि अखिलेश यादव और उनकी पत्नी ने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कार्यक्रम के संबंध में कुछ दिन पहले कहा था कि उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है. अगर निमंत्रण मिलता है तो हम जरूर जाएंगे.

इसके कुछ दिन बाद श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से अखिलेश यादव को इस आयोजन के लिए निमंत्रण भेजा गया था जिसे सपा प्रमुख ने अस्वीकार कर दिया था. हालांकि, बाद में अखिलेश ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया था और सपा की ओर से यह कहा गया था कि वह 22 जनवरी के बाद परिवार के साथ दर्शन करने जाएंगे.

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