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'गर्व से कहो हम शूद्र हैं'... स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में कई OBC-SC संगठन करेंगे पैदल मार्च

रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का विरोध कर रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में कुछ ओबीसी-एससी संगठन आ गए है. साथ ही लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर 'गर्व से कहो हम शुद्र हैं' पोस्टर लगा हुआ है. इन सबके बीच साधु-संत लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध कर रहे हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में सपा कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में सपा कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 31 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक रंग लेता हुआ नजर आ रहा है. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ चौपाइयों पर सवाल उठाया तो वह साधु-संतों के निशाने पर आ गए. अब स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में कुछ ओबीसी-एससी संगठन आ गए है. साथ ही लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर 'गर्व से कहो हम शुद्र हैं' पोस्टर लग गया है.

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सपा कार्यालय के बाहर अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा (मुंबई) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल ने पोस्टर लगवाया है, जिसमें लिखा है- 6743 जातियां>>>शूद्र समाज... गर्व से कहो हम शूद्र हैं... जय शूद्र समाज... जय संविधान.' यह पोस्टर इसलिए चर्चा में है, क्योंकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने आपको शूद्र कहा था. मैनपुरी में अखिलेश ने कहा था कि मैं सीएम योगी से पूछना चाहूंगा कि मैं शूद्र हूं या नहीं.

इस बीच सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ओबीसी और एससी-एसटी संगठन उतर आए हैं. ओबीसी और एससी-एसटी के 20 संगठन बुधवार को लखनऊ में धर्म ग्रंथों के विरोध में पदयात्रा निकालेंगे. परिवर्तन चौक से भीमराव अंबेडकर प्रतिमा तक पदयात्रा निकली जायेगी, जिसमे कई पिछड़े नेता शामिल होंगे. इस दौरान सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या का सम्मान किया जायेगा.

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इन संगठनों द्वारा बनाई गई आयोजन समिति के संयोजक मनोज पासवान ने कहा कि सभा में न सिर्फ स्वामी प्रसाद मौर्य का सम्मान होगा, बल्कि सभी में दलित, पिछड़ी जातियों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा. मनोज पासवान ने कहा कि संविधान में सभी जाति, धर्मों को समानता का हक अधिकार दिया गया है, लेकिन कुछ धर्मग्रंथों में दलित, पिछड़े, आदिवासी महिलाओं का अपमान किया जा रहा है, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अखिलेश यादव ने क्या कहा था?

रामचरितमानस विवाद के बाद कुछ संगठन के लोगों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का विरोध किया था. इसके बाद अखिलेश ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला था. अखिलेश ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) से सदन में पूछूंगा कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं.' इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के लोग दलितों और पिछड़ों को शूद्र समझते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था, 'मुख्यमंत्री जी अगर योगी न होते, धार्मिक स्थान से न आए होते, तो शायद यह सवाल मैं उनसे न पूछता लेकिन चूंकि वह योगी भी हैं और धार्मिक स्थान से उठकर सदन में आए हैं, तो मैं ये कहूंगा कि वो चौपाई एक बार हमें पढ़कर सुना दो, क्या आप पढ़कर सुना सकते हो मुझे बताओ? मैं मुख्यमंत्री जी से पूछने जा रहा हूं कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं?'

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