
रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद सपा नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर आ गए हैं. आगरा में हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को स्वामी प्रसाद की नकली शवयात्रा निकाली. इस दौरान पार्टी के जिला प्रभारी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की.
हिंदू महासभा के आगरा जिला प्रभारी सौरभ शर्मा ने कहा, "कोई साहसी व्यक्ति, अगर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काट देता है तो उसे 51,000 रुपये का चेक दिया जाएगा. उसने हमारे धार्मिक ग्रंथ का अपमान किया है और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है."
अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने मौर्य का एक प्रतीकात्मक जुलूस निकाला, उनका पुतला जलाया और उसे यमुना नदी में फेंक दिया. पार्टी के नेशनल प्रवक्ता संजय जाट ने न्यूज एजेंसी से कहा कि हम सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी का विरोध करते हैं.
संजय जाट ने कहा, "पूर्व कैबिनेट मंत्री जब बसपा में थे तो 'जय भीम, जय भारत' कहते थे और जब वे भाजपा में शामिल हुए तो रामचरितमानस का सम्मान करने लगे और अब जब वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं तो उन्होंने रामचरितमानस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. हिंदू महासभा के नेता ने कहा, "हमने उनकी टिप्पणी का विरोध किया और सपा नेता के अंतिम संस्कार का नकली जुलूस निकाला और बाद में उनका पुतला जलाया और उसे रामबाग में यमुना में फेंक दिया."
जूते मारने वाले को 5100 का इनाम: हिंदूवादी संगठन
इससे पहले यूपी के कासगंज में अखंड आर्यावर्त निर्माण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य को 5 जूते मारने वाले को 5100 का इनाम दिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए भूपेश शर्मा ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बहुत ही अशिष्ट और असभ्य नेता हैं. उन्हें हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने में आनंद आता है. इस बार उन्होंने रामचरितमानस का अपमान किया है. इससे हम सभी आहत हैं.
रामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए: मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आजतक से बातचीत में कहा कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.
मानस के कुछ अंशों पर आपत्ति: मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.