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रामलला का भव्य तिलकोत्सव आज, सीता जी के मायके से श्रद्धालुओं का कारवां पहुंचा अयोध्या, जानिए क्या है तैयारी?

Ayodhya Tilak Utsav: अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव कार्यक्रम है. विवाह अगले महीने 6 दिसंबर को संपन्न होगा. जनकपुर (नेपाल) से 501 तिलकहरू (तिलक चढ़ाने वाले) अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसके लिए राम नगरी में भव्य तैयारियां की गई हैं.

अयोध्या में तिलकोत्सव की धूम अयोध्या में तिलकोत्सव की धूम
बनबीर सिंह/शिल्पी सेन
  • अयोध्या ,
  • 18 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:45 PM IST

अयोध्या में आज प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव कार्यक्रम है. विवाह अगले महीने 6 दिसंबर को संपन्न होगा. जनकपुर (नेपाल) से 501 तिलकहरू (तिलक चढ़ाने वाले) अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसके लिए राम नगरी में भव्य तैयारियां की गई हैं. नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री और नेपाल के कैबिनेट मिनिस्टर, मेयर समेत 40 गणमान्य व्यक्तियों का डेलिगेशन 500 बारातियों के साथ इस तिलकोत्सव में भाग ले रहा है. 

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आपको बता दें कि अयोध्या में प्रतिवर्ष श्री राम विवाह का आयोजन धूमधाम से होता है, लेकिन यह पहली बार है कि श्री राम के तिलकोत्सव का भी भव्य आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम कितना खास है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनकपुर मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री और नेपाल के चार कैबिनेट मिनिस्टर समेत अलग-अलग क्षेत्र के कई मेयर का 40 लोगों का डेलिगेशन भी तिलक लेकर आ रहे लगभग 500 लोगों का हिस्सा है. 

ये लोग अपने साथ 501 प्रकार के नेग सामग्री तिलक चढ़ाने के लिए साथ ला रहे है. नेग में परिधान, आभूषण, विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न, मेवा, फल आदि शामिल होंगे. तिलकोत्सव को लेकर राम कारसेवकपुरम में तैयारी पूरी हो गई हैं. तिलकहरुओं को सम्मान और सुविधापूर्वक ठहराने के लिए कारसेवकपुरम, विवेक सृष्टि, माता सरस्वती देवी मंदिर, अभयदाता हनुमान आश्रम, तीर्थ क्षेत्र भवन आदि में व्यवस्था की गई है. तिलकहरुओं के स्वागत भोजन में स्वादिष्ट आलू टिक्की, पापड़ी चाट, छोला, चावल, पूड़ी, मिक्स सब्जी, रायता, पापड़, हलवा आदि का इंतजाम किया गया है. 

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विश्व हिंदू परिषद के नेता राजेंद्र सिंह पंकज के मुताबिक, नेपाल के जनकपुर में विवाह पंचमी के दिन 6 दिसंबर को माता सीता और श्री राम का विवाह उत्सव होगा. इसके लिए 26 नवंबर को ही अयोध्या से महाराज दशरथ और श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न दूल्हे के रूप में नेपाल के लिए बारात लेकर रवाना होंगे. इस बारात में साधु-संतों के साथ बड़ी संख्या में प्रबुद्ध और गणमान्य व्यक्ति नेपाल के जनकपुर पहुंचेंगे. प्रभु राम और माता-सीता का यह विवाह न सिर्फ अयोध्या और जनकपुर में उत्सव के रूप में मनाया जाएगा बल्कि इससे भारत और नेपाल के बीच संबंध भी प्रगाढ़ होंगे. 

उन्होंने कहा कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है. तिलक का कार्यक्रम प्रतीकात्मक रूप से भले ही होगा लेकिन यह प्रभु श्री राम के विवाह की स्मृतियों को जीवंत करेगा. भारत और नेपाल के जो सांस्कृतिक संबंध हैं उनको नई ऊर्जा प्रदान करेगा. प्रभु श्री राम जन-जन के हैं और जन-जन श्री राम का है. 

दावत में पापड़ी चाट से लेकर हलवे तक की व्यवस्था- 

जनकपुर से आने वाले अतिथियों के लिए परंपरा अनुसार शानदार दावत की व्यवस्था है. स्वागत के लिए ख़ास मेन्यू तैयार किया गया है. पकवानों में अवध में विवाह और मांगलिक अवसरों पर बनने वाले व्यंजन हैं. जनकपुर से आए अतिथियों के लिए चाट का भी इंतज़ाम होगा.  इसमें आलू टिक्की, पापड़ी चाट, दही भल्ले ख़ास होंगे. इसके अलावा छोला- चावल, पूड़ी-सब्ज़ी, मिक्स्ड वेजिटेबल, पापड़, रायता और अन्य कई तरह के व्यंजन होंगे. मुंह मीठा करने के लिए हलवे और अन्य कई तरह की मिठाइयों की व्यवस्था रहेगी. 

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परम्परागत तरीक़े से चढ़ेगा श्रीराम का तिलक- 

श्रीराम का तिलक उत्सव रामसेवकपुरम में होगा, यहां अतिथियों और उपस्थित लोगों की संख्या को देखते हुए व्यवस्था की गई है. तिलक के लिए तैयार मंच पर राम के स्वरूप में सज्जित 18 वर्षीय युवक को आटे से बनाए गए चौक या इस समारोह के लिए तैयार सिंहासन पर बिठाया जाएगा. तिलक समारोह पूरी तरह से पारम्परिक होगा. इसमें लगने वाले सामान परंपरा अनुसार जनकपुर से तिलकहरू अपने साथ लाएंगे. कांसे की थाल, दो कटोरी, गिलास, चम्मच आदि पांच परम्परागात बर्तनों के अलावा भेंट करने के लिए अन्य बर्तन लेकर आएंगे. राम के स्वरूप को परम्परागत वस्तुएं पीली धोती, गमछा, हल्दी गांठ,चंदन गांठ (मुट्ठा), धान,पीले चावल, दूर्वा (दूब घास),यज्ञोपवीत भेंट की जाएगी।इसके अलावा चाँदी के सिक्के, पान, इलायची, सुपारी भी दी जाएगी. 

जानकी मंदिर के छोटे महंत तिलक में निभाएंगे जानकी जी के भाई की भूमिका- 

परंपरा अनुसार श्रीराम का तिलक चढ़ाने के लिए जनकपुर से आए संबंधियों में सीता जी के छोटे भाई की भूमिका जानकी मंदिर छोटे महंत रामरोशन दास होंगे, जो भाई के रूप में सभी परंपराओं को निभाएंगे. इसके बाद 26 नवंबर को अयोध्या से राम बारात जनकपुर के लिए रवाना होगी. 6 दिसंबर को विवाह पंचमी की तिथि पर जनकपुर में राम जानकी का विवाह होगा. 

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