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तुर्क नाराज, आजम के करीबी हुए बागी... रामपुर उपचुनाव में बीजेपी को क्यों है जीत की आस

रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. सपा ने आसिम रजा तो बीजेपी ने आकाश सक्सेना को उम्मीदवार बनाया है. आसिम रजा को सपा का टिकट दिए जाने के बाद आजम खान के समर्थक भी बागी तेवर दिखा रहे हैं. प्रभावशाली माने जाने वाले तुर्क बिरादरी के मतदाताओं में भी सपा से नाराजगी है. इन सबके बीच बीजेपी को रामपुर का किला फतह करने की आस दिख रही है.

आजम खान और बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना (फाइल फोटो) आजम खान और बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 25 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST

आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. रामपुर सीट के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाने हैं और वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है. उपचुनाव के दौरान इन दिनों एक शब्द खूब चर्चा में है- तुर्क. अब आप सोच रहे होंगे कि रामपुर उपचुनाव में आखिर तुर्कों का क्या काम? तो जनाब जान लीजिए कि रामपुर विधानसभा और रामपुर लोकसभा में तुर्क बिरादरी के मतदाताओं की तादाद अच्छी-खासी है.

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मुस्लिम समुदाय की तुर्क बिरादरी समाजवादी पार्टी का कट्टर वोटर रही है लेकिन इन दिनों यही तुर्क बिरादरी आजम खान और समाजवादी पार्टी से नाराज चल रही है. तुर्क बिरादरी में भागीदारी को लेकर नाराजगी बताई जा रही है. तुर्क बिरादरी के लोगों का कहना है कि सपा और आजम खान ने वोट तो लिए लेकिन जब भागीदारी देने का वक्त आया तब तुर्कों को नरअंदाज कर दिया गया. रामपुर शहर में करीब 25 हजार और रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब ढाई लाख तुर्क मतदाता बताए जा रहे हैं.

तुर्क बिरादरी जो हमेशा आजम खान के पीछे चट्टान की तरह खड़ी रही थी, वह उन्हें लेकर नाराजगी जताती नजर आ रही है. रामपुर सीट पर सपा के उम्मीदवार आसिम राजा से तुर्क वोट छिटकता नजर आ रहा है. तुर्क बिरादरी से आने वाले रामपुर के नेता मुन्ना मशहूर ने सबसे पहले बगावत का बिगुल फूंका. मुन्ना ने आरोप लगाया कि आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में हारे उम्मीदवार पर दांव लगाया है.

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क्यों नाराज है तुर्क बिरादरी

दरअसल तुर्क वह बिरादरी है जो खुद को तुर्की से जोड़ती है. इनका मानना है कि उनके पुरखे तुर्की से आए थे जबकि बाकी बिरादरी और स्थानीय मुस्लिम यहीं कन्वर्ट हुए हैं. अब सवाल ये भी उठ रहा है कि तुर्क नाराज क्यों हैं. कहा ये जा रहा है कि सपा से टिकट के कई दावेदार थे जिन्हें लगता था कि अगर आजम खान अपने परिवार के बाहर किसी को भी टिकट दिलवाएंगे तो उनके लिए भी मौका बन सकता है. आसिम रजा रामपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव हार चुके थे, ऐसे में जैसे ही उन्हें विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट मिला, आजम खान के करीबी भी बगावती तेवर दिखाने लगे.

स्थानीय सपा नेता फसाहत अली सानू ने बगावत का झंडा बुलंद किया और सीधे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. सानू ने कहा कि अब अब्दुल दरी नहीं बिछाएगा बल्कि विधायक और सांसद बनेगा. तुर्क बिरादरी से आने वाले रामपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्ना मशहूर ने तो विधानसभा चुनाव के लिए पर्चा भी खरीद लिया था. हालांकि, मुन्ना ने पर्चा तो नहीं भरा लेकिन उनके समर्थक खुलेआम कह रहे हैं कि वे सपा उम्मीदवार आसिम रजा को वोट नहीं करेंगे.

बीजेपी को जीत की आस

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आजम खान के करीबियों में नाराजगी, तुर्क बिरादरी के सपा से भंग होते मोह से बीजेपी को रामपुर उपचुनाव में जीत की आस नजर आने लगी है. बीजेपी के स्थानीय नेता भी ये कहने लगे हैं कि तुर्क और आजम के करीबी नाराज हैं तो इस बार रामपुर का किला फतह किया जा सकता है. बीजेपी ने आकाश सक्सेना को टिकट दिया है. आकाश सक्सेना को भी ये लग रहा है कि इस बार मुसलमानों के बीच, खासकर तुर्क समुदाय के बीच फैला गुस्सा उन्हें फायदा दिलाएगा.

 

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