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मोबाइल में नेहा का नाम 'चंदन स्टोर कीपर', 3 बार आए पैसे... हनीट्रैप में फंसे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के रविंद्र कुमार की कहानी

ISI एजेंट नेहा शर्मा ने खुद को ISRO का टेक्निकल ऑफिसर बताकर रविंद्र को अपने जाल में फंसाया. सोशल मीडिया पर फैक्ट्री की तस्वीरें अपलोड करने के बाद रविंद्र ISI के निशाने पर आया था.

ISI के हनी ट्रैप में फंसे रविंद्र कुमार. ISI के हनी ट्रैप में फंसे रविंद्र कुमार.
संतोष शर्मा/अरविंद शर्मा
  • लखनऊ/फिरोजाबाद ,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

UP News: फिरोजाबाद जिले की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चार्जमैन के पद पर कार्यरत रविंद्र कुमार को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में यूपी ATS ने 14 मार्च को आगरा से गिरफ्तार किया. इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि ISI एजेंट नेहा शर्मा ने खुद को ISRO का टेक्निकल ऑफिसर बताकर रविंद्र को अपने जाल में फंसाया. सोशल मीडिया पर फैक्ट्री की तस्वीरें अपलोड करने के बाद रविंद्र ISI के निशाने पर आया था. अब ATS उसके बैंक खातों की जांच कर रही है, जिसमें तीन बार अनजान खातों से पेमेंट आने की बात सामने आई है.

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दरअसल, रविंद्र कुमार ने सोशल मीडिया पर फिरोजाबाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसके बाद ISI एजेंट नेहा शर्मा ने फेसबुक पर उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. नेहा ने खुद को ISRO का टेक्निकल ऑफिसर बताकर रविंद्र से बातचीत शुरू की. धीरे-धीरे यह बातचीत रोजाना नॉर्मल और वीडियो कॉल तक पहुंच गई. नेहा रविंद्र से फैक्ट्री में उसकी ड्यूटी, काम और गोपनीय जानकारियां लेती थी. ATS को रविंद्र के मोबाइल से ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट, स्क्रीनिंग कमेटी के कॉन्फिडेंशियल लेटर सहित कई सीक्रेट रिपोर्ट्स मिली हैं.

पेमेंट का खेल
जांच में पता चला कि रविंद्र ने महत्वपूर्ण दस्तावेज ISI को भेजे, जिसके बदले उसके खाते में तीन बार अनजान स्रोतों से पैसे आए. ATS अब इन बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि पेमेंट कहां से और किसके जरिए आए. रविंद्र ने इन सूचनाओं को वॉट्सएप के जरिए नेहा को भेजा था, जिसे उसने 'चंदन स्टोर कीपर 2' के नाम से अपने फोन में सेव किया था.

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पत्नी का दावा: हनी ट्रैप में फंसाया गया
रविंद्र की पत्नी आरती ने पति को बेकसूर बताते हुए कहा, "मेरे पति को हनी ट्रैप में फंसाया गया है. उन पर मानसिक दबाव डाला गया होगा. वह बहुत सज्जन और जेंटलमैन हैं. उनका फीडबैक घर और आसपास बहुत अच्छा है. ATS मोबाइल चेक करने के बहाने उन्हें ले गई और इतना बड़ा मुद्दा बना दिया. यह गलत है." 

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8 बजे जाते थे और 10 बजे लौटते 
रविंद्र के पड़ोसी सुधांशु गुप्ता भी हैरान हैं. उन्होंने कहा, "हम 70 साल से यहां रह रहे हैं. रविंद्र के परिवार वाले बहुत अच्छे लोग हैं. वह सुबह 8 बजे जाते थे और रात 10 बजे लौटते थे. हमें कभी नहीं लगा कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल होंगे."

ATS की कार्रवाई और सबूत
ATS ने रविंद्र को आगरा के बुंदू कटरा इलाके से गिरफ्तार किया. उसके मोबाइल से मिले सबूतों में फैक्ट्री की डेली प्रोडक्शन रिपोर्ट, ड्रोन और गगनयान प्रोजेक्ट की जानकारी शामिल है. 

MP का रहने वाला है रविंद्र 
रविंद्र मूल रूप से मध्य प्रदेश के शिवपुरी का रहने वाला है और कई सालों से परिवार सहित आगरा में रह रहा था. उसके परिवार में पत्नी, मां और दो बेटे हैं. ATS ने उसकी गिरफ्तारी की सूचना परिवार को दे दी थी और अब मामले की गहराई से जांच कर रही है.

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आगे की जांच
ATS अब यह पता लगाने में जुटी है कि रविंद्र कितने समय से ISI के लिए काम कर रहा था और उसने कितनी गोपनीय जानकारी लीक की. बैंक खातों की डिटेल और सोशल मीडिया चैट्स की फॉरेंसिक जांच से और खुलासे होने की उम्मीद है. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.

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