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Uttar Pradesh: जमीन का सपना दिखाकर करा दी सरयू नदी के बीच में रजिस्ट्री, आत्महत्या को मजबूर है कर्जदार किसान

इन ठगों ने पीड़ित किसान को जमीन का सपना दिखाकर उसे सरयू नदी के बीच की जमीन की रजिस्ट्री कर दी. जब अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी किसान को हुई, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही है. किसान के पास अब न पैसे हैं और न ही उसे जमीन मिली है. वह आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है. 

अपने साथ हुए धोखे की जानकारी देता पीड़ित किसान. अपने साथ हुए धोखे की जानकारी देता पीड़ित किसान.
संतोष सिंह
  • बस्ती ,
  • 04 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST

उत्तर प्रदेश में नटवरलाल गैंग का किसान के साथ ठगी करने एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. इन ठगों ने पीड़ित किसान को जमीन का सपना दिखाकर उसे सरयू नदी के बीच की जमीन की रजिस्ट्री कर दी. जब अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी किसान को हुई, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. अब वह अपने साथ हुए इस धोखे के बाद न्याय पाने के लिए थाने और आलाधिकारियों के चक्कर काट रहा है.

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दरअसल हुआ यूं कि छावनी थाना क्षेत्र के रमवापुर गांव के रहने वाले किसान रामकृष्ण ने खेती किसानी करने के लिए जमीन खरीदने का सपना देखा. इसको सच करने के लिए उसने जमीन की खोज शुरू कर दी. इसी दौरान उसकी मुलाकात पहलवान नाम शख्स से हुई. उसने रामकृष्ण को कहा कि मेरे जानकारी में एक सस्ती जमीन है. उसे मैं तुम्हे कम कीमत में दिलवा दूंगा.

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ठगी के इस खेल में लेखपाल भी था शामिल 

जालसाजों ने पीड़ित किसान को सस्ती जमीन देने का सपना दिखाकर उसे ठगने का तानाबाना बुन लिया. जमीन को लेकर रामकृष्ण ने हल्का लेखपाल वीरेंद्र सरोज से जानकारी ली, तो लेखपाल ने भी जमीन ठीक होने की तसदीक कर दी. लेखपाल की सहमति मिलने के बाद किसान रामकृष्ण को यकीन हो चला था कि उसे जमीन अच्छी मिल गई है. मगर, असल में जालसाजों के साथ-साथ लेखपाल भी इस ठगी के खेल में शामिल था.

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जमीन का सौदा 5 लाख में तय हो गया, जिसके बाद रामकृष्ण ने जमीन बैनामा भी करा लिया. अगले दिन जब वह अपने बैनामेशुदा खेत मे जुताई करने पहुंचा, तो जमीन के असली मालिक ने उसे रोक दिया. इसके बाद पीड़ित किसान ने कहा कि उसने चंद्रमणि से इस जमीन की रजिस्ट्री कराई है. 

पुलिस दर्ज नहीं कर रही केस, किसान परेशान

इस पर जमीन मालिक ने कहा कि आपने जिससे जमीन ली है, वह जमीन सरयू नदी की धारा में है. ये सुनते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. आनन-फानन में उसने लेखपाल से जमीन के बारे में फिर से पूछा, तो लेखपाल भी मुकर गया और सही बात उसने किसान से बता दी. लेखपाल ने कहा कि तुम्हारी जमीन वास्तव में सरयू नदी की धारा में है.

ठगी के बाद अब पीड़ित रामकृष्ण पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है. उसका कहना है कि उसने उस जमीन खरीदने के लिए कर्ज लिया था. अब न तो मेरे पास जमीन है और न रुपए. अब मेरे पास आत्महत्या के सिवा कोई चारा नहीं है. जब इस मामले में छावनी थानाध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि मामला संज्ञान में है. मगर, जब तक आलाधिकारियों का आदेश नहीं होगा, तब तक पीड़ित का मुकदमा दर्ज नहीं कर पाऊंगा.

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