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आजम खान की पत्नी, बेटे और बहन को शत्रु संपत्ति मामले में मिली जमानत

रामपुर में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान के परिवार के तीन सदस्यों को शत्रु संपत्ति मामले में नियमित जमानत दे दी है. जमानत पाने वालों में आजम खान की पत्नी तज़ीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब आजम खान और बहन निखत अखलाक शामिल हैं. आजम खान और उनके परिवार पर 2017 से अब तक करीब 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

आजम खान के परिवार को मिली राहत (फाइल फोटो) आजम खान के परिवार को मिली राहत (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • रामपुर,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार के तीन सदस्यों को शत्रु संपत्ति मामले में नियमित जमानत दे दी है. जमानत पाने वालों में आजम खान की पत्नी तज़ीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब आजम खान और बहन निखत अखलाक शामिल हैं.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले, तीनों को अंतरिम जमानत मिली हुई थी, लेकिन अब अदालत ने उन्हें स्थायी जमानत प्रदान कर दी है. परिवार की ओर से कानूनी सलाहकार विनोद शर्मा ने इस फैसले की पुष्टि की है. हालांकि, आजम खान के परिवार के सदस्यों ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

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विनोद शर्मा ने बताया कि इस मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया गया था, लेकिन अदालत ने फिलहाल सिर्फ इन तीनों को जमानत दी है. गौरतलब है कि आजम खान और उनके परिवार पर 2017 से अब तक करीब 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें अतिक्रमण, चोरी, और सरकारी संपत्तियों पर कब्जे जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं.

हालांकि, इस मामले में तीनों को राहत मिली है, लेकिन आजम खान अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं. उन पर कई अन्य मामलों में कानूनी कार्रवाई जारी है, और उन्हें जमानत मिलने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है. यह मामला शत्रु संपत्ति अधिनियम से जुड़ा है, जिसमें उन संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में रखा जाता है, जो 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान चले गए लोगों के नाम पर थीं.

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आजम खान और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर में शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा किया और उसे अपने हित में इस्तेमाल किया. 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद आजम खान पर कई मुकदमे दर्ज किए गए थे. समाजवादी पार्टी ने इन मामलों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया, जबकि प्रशासन का कहना है कि ये मामले कानूनी प्रक्रियाओं के तहत दर्ज किए गए हैं.

 

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