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UP News: आजमगढ़ पुलिस ने 190 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले हैं. इनके तार विदेशों तक जुड़े हुए हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं.
दरअसल, आजमगढ़ के कोतवाली क्षेत्र में पुलिस को एक मकान में फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी मिली थी. यह कॉल सेंटर साइबर अपराधियों द्वारा 24 घंटे शिफ्ट वाइज संचालित किया जा रहा था. ये अपराधी लोगों को वॉट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फर्जी ऐप के जरिए संपर्क कर लालच देकर ठगी करते थे.
ये लोग छोटी-छोटी स्कीमें और गेमिंग ऐप्स के माध्यम से लोगों को पैसे इन्वेस्ट करने को कहते थे. जब बड़ी रकम जमा हो जाती थी तो ऐप्स की आईडी को बंद कर दिया जाता था.
आजमगढ़ के एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि कई दिनों से साइबर क्राइम की शिकायतें मिल रही थीं. लोगों से ऑनलाइन गेमिंग और फर्जी ऐप्स के जरिए ठगी की जा रही थी. पुलिस ने इन शिकायतों पर गहराई से जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई.
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पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी किराए के मकान में कॉल सेंटर चलाते थे. इनके पास से 171 बैंक अकाउंट, सैकड़ों मोबाइल फोन, लैपटॉप और बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई है. पुलिस ने बताया कि इनकी ठगी का नेटवर्क देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ विदेशों तक फैला हुआ है.
विदेशों तक जुड़े हैं ठगी के आरोपियों के तार
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगी का जाल फैला चुका था. फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन गेमिंग के जरिए लोगों को ठगने का काम करता था. एसपी आजमगढ़ हेमराज मीणा ने बताया कि यह गिरोह अत्यंत संगठित तरीके से काम कर रहा था. इनके पास से भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण और बैंक अकाउंट बरामद किए गए हैं। इन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
आरोपियों के पास से 171 बैंक अकाउंट डिटेल, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों के साथ नकदी बरामद हुई है. पुलिस फिलहाल मामले की गहराई से जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों का पता लगाया जा रहा है.