
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में मजबूत दखल रखने वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को बड़ा झटका लगा है. एक के बाद एक तीन नेताओं ने जयंत चौधरी की पार्टी छोड़ दी है. आरएलडी में पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले नेताओं में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही आरएलडी की यूथ विंग के सचिव का नाम शामिल है. आरएलडी छोड़ने वाले नेताओं ने पार्टी के संगठन मंत्री और कार्यालय प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सबसे पहले आरएलडी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने पद के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) आरिफ महमूद ने आरएलडी के संगठन मंत्री और कार्यालय प्रभारी पर अल्पसंख्यकों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए पद और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. आरएलडी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के बाद युवा आरएलडी के सचिव अमित कुमार पटेल ने भी पार्टी छोड़ दी.
अमित कुमार पटेल ने आरोप लगाया कि पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग किसी भी तरह की समस्या की स्थिति में फोन करने पर कॉल रिसीव नहीं करते. इनका ध्यान केवल इस पर होता है कि किस तरह सुर्खियों में बने रहा जा सकता है. उन्होंने इसे ही अपने पार्टी छोड़ने के फैसले की वजह बताया. एक के बाद एक तीन नेताओं के इस्तीफे पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के करीबी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंदर चौधरी की भी प्रतिक्रिया आई है.
ये भी पढ़ें- कभी कांग्रेस तो कभी अखिलेश के संग... आखिर जयंत चौधरी का प्लान क्या है? किसका खेल बिगाड़ेगी RLD
भूपेंदर चौधरी ने कहा है कि जब ऐसे पुराने साथी साथ छोड़ जाते हैं जिनके साथ वर्षों काम किया है तब दुख होता ही है. हमें इस बात का दुख है. उन्होंने ये भी कहा कि नेता एक ही होता है और हमें उसका अनुशरण करना होता है. आरएलडी प्रवक्ता ने कहा कि हमारे नेता जयंत चौधरी हैं और कतार का नेतृत्व वही करते हैं. हम सबके लिए बेहतर है कि हम उनके नेतृत्व में चलें. अंग्रेजी में कहा जाता है न- फॉल इन लाइन ऑर फॉल आउट.
ये भी पढ़ें- सपा ने झटका दिया तो उत्तर प्रदेश के लिए क्या हो सकता है कांग्रेस का 'प्लान B'?
गौरतलब है कि आरएलडी को ये झटका ऐसे समय में लगा है जब यूपी में इंडिया गठबंधन के भविष्य और तस्वीर को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है. सपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. आरएलडी भी इसे लेकर कनफ्यूज नजर आ रही है. पार्टी कभी सपा तो कभी कांग्रेस के साथ नजर आ रही है. ऐसे में तीन अहम पदों पर बैठे नेताओं का आरएलडी छोड़ जाना जयंत चौधरी की पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है.