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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था से जुड़े एक बयान को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ बिहार की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है.
यह शिकायत मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराई. उन्होंने रविवार को मुंबई में भागवत के एक भाषण का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने देश की बेहद रूढ़िवादी जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेदार ठहराया था.
उनके इस बयान पर विवाद होने के बाद आरएसएस ने बयान जारी कर कहा कि भागवत ने किसी जाति विशेष का उल्लेख नहीं किया था. इस बयान में कहा गया कि भागवत ने अपने बयान में जिस पंडित शब्द का जिक्र किया है, उससे मतलब ‘बुद्धिजीवियों’ से है, न कि ब्राह्मणों से.
ओझा ने कहा कि भागवत के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाए. अदालत इस मामले पर 20 फरवरी को सुनवाई करेगी.
बता दें कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि ऊंच-नीच की श्रेणी भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई है.
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में संत रोहिदास (रविदास) जयंती के मौक़े पर बोलते हुए कहा था, ‘हमारी समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी है.जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?’ संघ प्रमुख ने इसके साथ ही ये भी कह दिया कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं. लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो ग़लत था.