
2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में बीजेपी एक्टिव हो गई है. बीजेपी संगठन की आज (22 सितंबर) यूपी में बड़ी बैठक है. इसमें 2019 के चुनाव में हारी हुई सीटों पर मंथन किया जाएगा. बीजेपी की इस बैठक के बीच RSS प्रमुख मोहन भागवत भी यूपी प्रवास पर हैं. संभावना है कि बीजेपी नेताओं और RSS के पदाधिकारियों की मुलाकात होगी.
बता दें कि RSS प्रमुख मोहन भागवत आज लखनऊ पहुंचे. लोकसभा चुनाव से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत अवध प्रांत के चार दिवसीय यूपी प्रवास पर हैं. वो निरालानगर सरस्वती कुंज में ठहरेंगे और संघ के पदाधिकारियों के साथ विभिन्न बैठकें करेंगे. इन बैठकों में संघ के कामकाज की समीक्षा होगी. इसके साथ ही 2024 के चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण विषयों को लेकर फीडबैक भी जुटाएंगे.
संघ और बीजेपी संगठन के लोगों में होगी बात?
इस दौरान यूपी सरकार के प्रमुख लोग भी संघ प्रमुख से मुलाकात कर सकते हैं. सरकार, बीजेपी संगठन और संघ पदाधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय पर मुलाकात में चर्चा होने की संभावना है.
2024 के लिए बीजेपी की अहम बैठक
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील बंसल आज लखनऊ में 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई तमाम सीटों की समीक्षा करेंगे. बंसल को हारी हुई सीटों का प्रभार दिया गया है. बीजेपी की यह समीक्षा बैठक लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में होगी. जहां रायबरेली, लालगंज अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, नगीना, बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, घोसी, गाजीपुर, संभल, मुरादाबाद, मैनपुरी की सीटों पर समीक्षा होगी.
इस बैठक में इन सभी सीटों के संयोजक, प्रभारी और संगठन से जुड़े लोग मौजूद रहेंगे. साथ-साथ कई उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है. प्रदेश के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी बैठक में मौजूद होंगे. बैठक की अगुवाई सुनील बंसल करेंगे.
बताया जा रहा है कि संघ प्रमुख चार दिन के अपने प्रवास में अलग-अलग सत्र में जिला, विभाग प्रचारक और क्षेत्र प्रचारकों के साथ बैठेंगे. इसमें वह यूपी में चल रहे संघ के कामों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा बीजेपी संगठन के नेताओं संग मिलकर समन्वय की रणनीति तैयार होगी. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और संघ लोकसभा चुनाव से पहले मिलकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचने की नीति तैयार कर रहे हैं. खासकर दलित, आदिवासी तक.