
लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उत्तर प्रदेश में सक्रियता बढ़ा दी है. यूपी में दलित-आदिवासी प्लान पर काम कर रहे संघ ने शाखा विस्तार का अभियान तेज कर दिया है. दलित-आदिवासी के साथ ही घुमंतू जातियों के बीच सक्रियता बढ़ाने की योजना के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत भी यूपी प्रवास पर पहुंच रहे हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत पांच दिन के यूपी प्रवास पर एक जुलाई को लखनऊ पहुंचेंगे. मोहन भागवत लखनऊ में संघ की कई बैठकों में शामिल होंगे जिनमें पूर्वी यूपी की कार्यकारिणी बैठक भी शामिल है. संघ प्रमुख अयोध्या भी जा सकते हैं. संघ प्रमुख का ये पांच दिन का यूपी प्रवास संघ के कार्यों की समीक्षा के लिए है लेकिन लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने का समय बचा है, ऐसे में इसे काफी अहम माना जा रहा है.
संघ के सूत्रों की मानें तो संघ प्रमुख के दौरे पूर्व निर्धारित होते हैं. इसमें सिर्फ संघ की समीक्षा होती है लेकिन संघ प्रमुख के इस प्रवास के दौरान बीजेपी नेताओं के भी उनसे मुलाकात करने पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. जाहिर है कि संघ प्रमुख की नजर सामाजिक स्थिति के साथ राजनीतिक हालात पर भी रहेगी. संघ सूत्रों के मुताबिक यूपी की सियासी जमीन अभी बीजेपी के लिए अनुकूल है. ऐसे में हर वर्ग तक संघ के विचार का प्रसार कर इसे और मजबूती देने को लेकर भी चर्चा हो सकती है.
इस बीच, पूर्वी यूपी के चारों प्रांतों की बैठक लखनऊ में शुरू हुई. बैठक में संघ के आगामी कार्यक्रमों और गुरु दक्षिणा कार्यक्रम पर चर्चा हुई. संघ ने इस बार उत्तर प्रदेश में दलित जातियों, मुख्य रूप से दलित और आदिवासी जातियों में अपनी सक्रियता बढ़ाने की योजना बनाई है. इसमें कोल, भील, नट, मुसहर और वनटांगिया जैसे समुदाय हैं जो ज्यादातर विकास की धारा से अलग-थलग रहे हैं.
चार दिन प्रवास करेंगे दत्तात्रेय होसबाले
लखनऊ में चल रही पूर्वी यूपी के प्रचारकों की बैठक में जहां शाखा विस्तार को लेकर चर्चा हुई, वहीं संघ के आगामी कार्यक्रमों पर भी बात हुई. मंगलवार को इस बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी शामिल होंगे. दत्तात्रेय होसबोले चार दिन तक यूपी में प्रवास करेंगे. संघ की योजना दलित, आदिवासी और घुमंतू जातियों के बीच सक्रियता बढ़ाना भी है. संघ के विस्तारक इन जाति-वर्ग के लोगों के बीच जाएंगे और उनको सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे.
शताब्दी वर्ष में क्या है संघ का लक्ष्य
दरअसल, अपने शताब्दी वर्ष में संघ का लक्ष्य हर न्याय पंचायत तक शाखा विस्तार का है. जहां शाखा विस्तार न हो सके, वहां भी विस्तारक पहुंचें और हर न्याय पंचायत में संघ के विचार से जुड़ा कम से कम एक व्यक्ति जरूर हो, संघ इस लक्ष्य के साथ काम कर रहा है. संघ शिक्षा वर्ग के प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण पूर्ण र चुके विस्तारकों को दलित बस्तियों और उन न्याय पंचायतों की जिम्मेदारी दी जाएगी जहां संघ को सक्रियता की जरूरत है.