
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा करना शुरू कर दिया है. यूपी की लेडी डॉन और गैंगस्टर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम के बाद बदमाश साबिर को भी भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. यह वही बदमाश है, जिसने उमेश पाल हत्याकांड में गनर संदीप निषाद को गोली मारी थी. हालांकि, पुलिस अभी तक न तो साबिर को पकड़ पाई है और न ही राइफल बरामद कर पाई है.
इससे पहले माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. साथ ही पुलिस ने गुड्डू मुस्लिम पर भी 5 लाख रुपये का इनाम रखा है. इसके साथ ही साबिर के खिलाफ CRPC की धारा 82 के तहत कार्रवाई की है. इसमें फरार आरोपी को 'भगोड़ा' घोषित किया जाता है. फिर धारा 82 के तहत संपत्ति कुर्क की जाती है.
आरोपी को कब भगोड़ा घोषित करते हैं?
- अगर किसी अदालत ने किसी आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है और कई बार नोटिस या समन जारी करने के बावजूद आरोपी सरेंडर नहीं करता है तो उसे 'भगोड़ा' घोषित कर दिया जाता है.
- किसी आरोप को भगोड़ा घोषित करने का नोटिस अदालत जारी करती है. हालांकि, कानूनी भाषा में इसे भगोड़ा नहीं, बल्कि 'फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा' कहा जाता है.
- अगर किसी व्यक्ति को भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है तो पुलिस इसका नोटिस उसके घर पर लगाती है. अगर अदालत आदेश दे तो फिर स्थानीय अखबार में भी इसे छापा जाता है.
- किसी फरार व्यक्ति के उद्घोषणा जारी करने का प्रावधान कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर यानी सीआरपीसी की धारा 82 में किया गया है.
24 फरवरी को दिनदहाड़े हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि प्रयागराज की सड़कों पर 24 फरवरी को दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज देखकर हर कोई सहम गया था. फुटेज में देखा जा सकता था कि चारों ओर से शूटरों ने किस तरह से उमेश पाल और उनके दो गनर्स पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं. इस दौरान बम भी फेंके गए थे.