
यूपी के सहारनपुर में हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां एक इनामी बदमाश ने वीडियो जारी कर सभी को भी हैरान कर दिया. उसका दावा है कि पुलिस जिसे डेढ़ लाख रुपये की लूट बता रही है, असल में उससे सिर्फ 6900 रुपये ही लूटे गए थे. लेकिन, पुलिस ने फर्जी तरीके से 33 हजार से अधिक रुपये बरामद कर और बदमाशों को जेल भेजकर मामले का खुलासा कर दिया. फिलहाल, बदमाश का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
दरअसल, 21 दिसंबर को सहारनपुर के अंबेहटा कस्बे के एक जनसेवा केंद्र में लूट हुई थी. घटना के बाद 1.5 लाख रुपये की लूट होना बताया गया. जिसके बाद मामले में पुलिस ने तत्परता से एक्शन लिया और एनकाउंटर के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोपियों के पास 33 हजार रुपये बरामद किए गए.
लेकिन इस घटना के बाद अब मामले में फरार चकल रहे बदमाश विन्नी नागर ने वीडियो जारी कर चौंकाने वाला दावा किया और कहा कि उसे जनसेवा केंद्र के गल्ले में सिर्फ 6900 रुपये ही मिले थे. डेढ़ लाख की लूट वाली बात गलत है. उसने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और एनकाउंटर को फर्जी बताया है. हालांकि, एसपी देहात ने बदमाश के वायरल वीडियो में लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद ठहराया है.
बदमाश ने किया ये दावा, एनकाउंटर को बताया फर्जी
विन्नी ने सहारनपुर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि निखिल नाम के कथित बदमाश को झूठे मामले में फंसाया गया है. निखिल इस वारदात में शामिल नहीं था. विन्नी के अनुसार, इस लूट में कुल छह लोग शामिल थे. इनमें से चार ने जनसेवा केंद्र में जाकर लूट की और दो लोग बाहर बाइक पर खड़े थे. विन्नी ने यह भी बताया कि लूट में कुल 6900 रुपये और तीन मोबाइल लिए गए थे. लेकिन पुलिस ने निखिल को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारकर गिरफ्तार दिखाया और दावा किया कि डेढ़ लाख रुपये लूटे गए थे.
पुलिस का बयान
इस मामले पर सहारनपुर के एसपी देहात सागर जैन ने कहा कि विन्नी नागर पेशेवर अपराधी है और उसके खिलाफ सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली में 19 से अधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने विन्नी के खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित किया था, जिसे अब 50 हजार रुपये करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है.
एसपी ने यह भी बताया कि विन्नी द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और यह वीडियो केवल पुलिस को भ्रमित करने के लिए जारी किया गया है. पुलिस के मुताबिक, इस लूट की घटना में कुल आठ बदमाश शामिल थे, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन गिरफ्तारियों में पुलिस ने कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया. निखिल की गिरफ्तारी भी तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई है. पुलिस ने लूट की रकम में से अब तक 33,000 रुपये बरामद किए हैं.
वायरल वीडियो में विन्नी ने दावा किया कि निखिल मजदूरी करता है और उसे घटना की कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन पुलिस ने कहा कि निखिल इस घटना में रेकी करने में शामिल था. विन्नी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पुलिस का कहना है कि यह उसके बचाव का प्रयास है.
एसपी सागर जैन का कहना है कि विन्नी ने घटना से एक दिन पहले पुलिस को फोन कर झूठी जानकारी दी थी, ताकि वह भ्रम पैदा कर सके. इसके बाद अगले दिन विन्नी और उसके साथियों ने लूट को अंजाम दिया. पुलिस का दावा है कि विन्नी ने अपने वीडियो में खुद कबूल किया है कि वह इस लूट में शामिल था.
फिलहाल, विन्नी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. इस मामले में पुलिस ने बताया कि विन्नी और उसके साथियों ने लूट के बाद पैसों को आपस में बांट लिया था. पुलिस इस घटना में शामिल बाकी तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास कर रही है.
हालांकि, यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें पुलिस और अपराधियों के बयानों में भारी विरोधाभास है. जहां एक ओर पुलिस अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रही है, वहीं विन्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब यह देखना होगा कि जांच के बाद सच क्या सामने आता है.