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बेटे के हत्यारे समधी को बेल पर छुड़ाया, फिर पिता ने गोली मरवाकर लिया बदला

लखीमपुर खीरी में बेटे के हत्या का बदला लेने के लिए पिता ने समधी की हत्या कर दी. जानकारी के मुताबिक, सत्रोहन लाल और काशीराम समधी थे. दस साल पहले पत्नी की मौत के बाद सत्रोहन अपने समधी काशीराम के घर रहने लगा और काशीराम की बीवी से उसके संबंध हो गए. इस बाद की जानकारी काशीराम के बेटे को हो गई.

जांच करती पुलिस जांच करती पुलिस
अभिषेक वर्मा
  • लखीमपुर खीरी,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 5 मई को साइकिल से घर लौट रहे 50 साल के अधेड़ की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, मृतक के समधी ने ही अपने बेटे की हत्या का बदला लेने के लिए समधी की गोली मारकर हत्या कराई थी. मामला मितौली थाना क्षेत्र के अभगावां गांव का है. 
 
बताया जाता है कि अभगावां गांव के रहने वाले 50 साल के सत्रोहन लाल और काशीराम आपस में समधी थे. करीब 10 साल पहले  सत्रोहन लाल की पत्नी की मौत हो गई. तभी से सत्रोहन लाल अपने समधी काशीराम के घर रहने लगा. इस दौरान उसके संबंध काशीराम की बीवी से हो गए. एक दिन काशीराम के बेटे दीपेंद्र ने दोनों को साथ देख लिया.

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लड़के की मां और ससुर ने मिलकर दबाया गला 

बेटे ने कहा कि वह इसकी शिकायत अपने पिता से कर देंगे. इसके बाद मां और सत्रोहन ने दीपेंद्र को मुंह बंद रखने के लिए कहा. साथ ही यह बात किसी से न बताने की धमकी भी दी. इसी बीच काशीराम की पत्नी और उसके समधी सत्रोहन को लगा कि दीपेंद्र यह बात अपने पिता काशीराम से बता देगा.

सत्रोहन ने काशीराम की पत्नी के साथ मिलकर दीपेंद्र की गला दबाकर हत्या कर दी. इतना ही नहीं मामले को दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की. इसके बाद दीपेंद्र के पिता ने मार्च 2020 में दीपेंद्र की हत्या की तहरीर मितौली थाने में दी. मगर, पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की.

कोर्ट के जरिये पिता ने दर्ज कराया था केस 

इससे परेशान होकर काशीराम ने अपने बेटे की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोर्ट में 156/3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया. इसके बाद मार्च 2022 में मितौली थाने में दीपेंद्र की हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज हो गई. इसके बाद पुलिस ने जांच के बाद काशीराम की पत्नी और उसके समधी सत्रोहन को दीपेंद्र के हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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बेटे की मौत का बदला लेने के लिए की हत्या 

मगर, काशीराम को अपने बेटे की हत्या की जाने का गम सता रहा था. उसने अपने बेटे की हत्या के आरोपी समधी को मौत के घाट उतारने का फैसला कर लिया. इसके बाद उसने अपने समधी सत्रोहन लाल की 10 दिनों पहले जमानत कराई. फिर बाजार से लौटते समय समधी सत्रोहन लाल की गोली मारकर हत्या कर दी.

मामले में एडिशनल एसपी नैपाल सिंह ने बताया, "मितौली में हुई घटना में वांछित अभियुक्त काशीराम की गिरफ्तारी के लिए सीओ मितौली के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है. उसको पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है. बहुत जल्द ही उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा." 

अधिकारी ने आगे कहा कि आरोपी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया है. घटना की वजह है यह है कि मृतक सत्रोहन और आरोपी दोनों समधी थे. काशीराम के बेटे की हत्या के आरोप में सत्रोहन जेल गया था. काशीराम ने ही उसे 10 दिन पहले बेल पर बाहर निकाला था, ताकि वह अपने बेटे की हत्या का बदला ले सके. इसी रंजिश की वजह से सत्रोहन की हत्या हुई है.

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