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समाजवादी पार्टी (सपा) के डेलिगेशन ने हिंसा प्रभावित संभल का दौरा स्थगित कर दिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार से बातचीत के बाद पार्टी का संभल दौरा स्थगित कर दिया गया है.
दरअसल, डीजीपी द्वारा निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का मंगलवार को हिंसा प्रभावित संभल जिले का निर्धारित दौरा स्थगित कर दिया गया है. इस बाबत माता प्रसाद पांडे ने खुद जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख (अखिलेश यादव) ने संभल जाकर घटना के बारे में वास्तविक जानकारी और तथ्य जुटाने के लिए मेरे नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बनाया था. मुझे सुबह 10 बजे निकलना था, लेकिन मेरी डीजीपी से बातचीत हो गई. उन्हें पता था कि मैं संभल जा रहा हूं. हमारे लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया है, जबकि जो लोग वहां मौजूद नहीं थे, उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर दी गई है. डीजीपी ने मुझे मामले की निष्पक्ष जांच और विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है.
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि उन्होंने पुलिस प्रमुख की सलाह पर ध्यान देने का फैसला किया है कि अगले तीन दिनों तक संभल का दौरा न करें. पांडे ने कहा- हमने आश्वासन और आग्रह के बाद संभल नहीं जाने का फैसला किया है. डीजीपी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को फंसाया नहीं जाएगा.
फिलहाल, हिंसा प्रभावित संभल में मंगलवार को स्थिति सामान्य हो गई. स्कूल फिर से खुल गए और स्थानीय बाजारों में दुकानें भी फिर से खुल गईं, हालांकि इंटरनेट बंद रहा.
सपा के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल को हिंसा के बारे में जानकारी एकत्र करनी थी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक रिपोर्ट सौंपनी थी. प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडे, एलओपी विधान परिषद लाल बिहारी यादव, राज्यसभा सांसद जावेद अली, लोकसभा सांसद हरिंदर मलिक, रुचि वीरा, जिया उर रहमान बर्क, नीरज मौर्य, विधायक नवाब इकबाल, पिंकी यादव, कमाल अख्तर के साथ ही सपा के मुरादाबाद जिला अध्यक्ष जयवीर यादव और बरेली प्रमुख शिवचरण कश्यप शामिल थे.
मालूम हो कि संभल के कोट गर्वी इलाके में स्थित शाही जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे को लेकर रविवार को हुए टकराव में चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए. याचिका में दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.
फिलहाल, पुलिस ने अब तक 25 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और हिंसा के सिलसिले में सात एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल समेत 2,750 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.