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'जो बाबरी मस्जिद हमसे छीनी गई है, वो वापस दे दी जाए', बोले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क

समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर अपने बयान से चर्चा में हैं. उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या जाने के सवाल पर साफ इंकार किया है. बर्क ने कहा, हमारी मस्जिद को ताकत के बल पर खत्म कर दिया था. मैं वहां बिल्कुल नहीं जाऊंगा. बल्कि अल्लाह से दुआ करेंगे कि जो बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई है, वो हमें वापस दे दी जाए.

सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क. सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क.
अनूप कुमार
  • संभल,
  • 26 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का बयान चर्चा में आया है. शफीकुर रहमान ने कहा कि वो राम मंदिर के उद्घाटन में बिल्कुल नहीं जाएंगे. बर्क ने आगे कहा कि हमारी मस्जिद पर ताकत के जरिए उन्होंने कब्जा कर लिया. हम तो बस अल्लाह से दुआ करेंगे कि जो बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई है, वो हमें वापस दे दी जाए.

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बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे. उद्घाटन के अगले ही दिन यानी 23 जनवरी से आम लोगों को भगवान राम के दर्शन की अनुमति दे दी जाएगी. मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी, सर संघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और सभी ट्रस्टी राम मंदिर के प्रांगण में उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा कई अन्य गणमान्य भी राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे.

इस संबंध में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क से पूछा गया कि क्या वो मंदिर के उद्घाटन में जाएंगे? इस पर उन्होंने कहा, मैं तो बिल्कुल नहीं जाऊंगा. मेरे जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. मेरी मस्जिद वहां जमाने से बनी हुई थी, उसे खत्म कर दिया गया. जबरदस्ती ताकत के बलबूते पर सब लोगों ने मिलकर मस्जिद को खत्म कर दिया है. 

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'... वो हमें वापस दे दी जाए'

शफीकुर्रहमान बर्क ने आगे कहा, हमारी मस्जिद पर ताकत से उन्होंने कब्जा कर लिया. हम तो बस अल्लाह से दुआ करेंगे कि जो बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई है, वो हमें वापस दे दी जाए. उन्होंने कहा, कोर्ट में भी उसका मुकदमा गया. लेकिन कोर्ट में भी हमारी उम्मीद के खिलाफ हुआ. यहां तक कि अब उस पर मंदिर बनने का आदेश हो गया है. ये सोने पर सुहागा कर दिया. मस्जिद मेरी शहीद कर दी और अब उस पर मंदिर बनाया जा रहा है. ये तो बिल्कुल कानून के खिलाफ है. इंसानियत के खिलाफ है. बहरहाल दुनिया की रिवायत के खिलाफ है. 

'कभी ऐसा काम नहीं हुआ'

बर्क का कहना था कि दुनिया के अंदर सभी धर्मों के लोग के मौजूद हैं. लेकिन कभी ऐसा काम नहीं हुआ. इस तरीके से मस्जिद को तोड़कर उसकी जगह मंदिर बना दिया जाए. ये कौन सी इंसानियत है. इंसानियत की रिवायत के खिलाफ है. धर्म के खिलाफ है. संविधान के खिलाफ है.

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