
रमजान, ईद, होली आदि त्योहारों के मद्देनजर यूपी के संभल में सख्ती बरती जा रही है. इसको लेकर जिला पुलिस और प्रशासन अलर्ट है. पीस कमेटी की बैठक भी बुलाई गई, जिसमें दोनों समुदाय के लोग शामिल रहे. इस बीच सीओ अनुज चौधरी ने आसामाजिक तत्वों को कड़ी हिदायत दी. उन्होंने कहा कि अगर आप अपने धर्म का सम्मान करते हैं तो दूसरे धर्म वालों को कीड़े-मकोड़े नहीं समझना चाहिए.
आपको बता दें कि इस बार होली जुमे के दिन पड़ रही है. इसको लेकर संभल में काफी एहतियात बरती जा रही है. डीआईजी, एसपी, सीओ समेत कई बड़े अधिकारियों ने जिले की सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया. पीस कमेटी की बैठक के बाद सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि जो लोग इसमें नहीं आए हैं, उनको बता दिया जाए कि साल में 52 बार जुमा आता है, लेकिन होली एक दिन. जिसको होली खेलनी हो और जिस भाई के अंदर होली खेलने की कैपेसिटी हो, वही इंसान घर से बाहर निकले, वरना घर के अंदर रहकर ही नमाज पढ़े. क्योंकि, पुलिस-प्रशासन किसी भी तरह का उपद्रव बर्दाश्त करने में मूड में नहीं है.
सीओ ने आगे कहा कि जिसको रंग से परहेज हो वह व्यक्ति घर से बाहर ना निकले. जिस किसी में रंग को झेलने की कैपेसिटी हो वही व्यक्ति घर से निकले. यह बात बिल्कुल ध्यान में रखना है कि किसी भी हाल में शांति-व्यवस्था ना बिगड़े. बैठक में मुस्लिम समुदाय से साफ तौर पर कहा गया है कि जिस तरह से आप पूरे साल ईद का इंतजार करते हैं, ठीक वैसे ही होली भी हिंदुओं के मिलन का त्यौहार है, अगर रंग से आपत्ति है तो उस दिन घर से बाहर निकालने की गलती ना करें. उस दिन पूजा-पाठ या नमाज आदि घर के अंदर ही करें, क्योंकि हर जगह भगवान और अल्लाह है. पुलिस किसी भी सूरत में कानून का उल्लंघन नहीं होने देगी. हिंदू पक्ष भी अनावश्यक किसी पर रंग ना डाले. नियम सबके लिए समान हैं.
बकौल अनुज चौधरी- 'मेरा सीधा और साफ कहना है कि जुम्मा साल में 52 बार आता है, होली साल में एक बार आती है. मुस्लिम समुदाय में किसी को लगता है कि होली के रंग से आपका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा... तो वो उस दिन घर से ना निकले. अगर निकले तो उसका इतना बड़ा दिल होना चाहिए कि भाई सब एक जैसे हैं. रंग तो रंग है. जिस तरह पूरे साल इंतजार करता है मुस्लिम पक्ष ईद का, इसी तरह से होली का भी इंतजार हिंदू पक्ष करता है. होली रंग डाल के, मिठाई खिला के, बुरा ना मानो होली है कहकर मनाई जाती है.'
उन्होंने आगे कहा- "ईद में भी लोग सेवईयां बनाते हैं, गले मिलते हैं. एक दुसरे के यहां जाते हैं. दोनों पक्ष हिंदू मुस्लिम आप एक दूसरे का सम्मान करें. अनावश्यक किसी पर रंग न डालें. अगर कोई हिंदू समाज का आदमी रंग से बच रहा है तो उसपर भी न डालें."