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'बाहर देखा तो ईंटें हवा में उड़ रही थीं, युद्ध जैसा मंजर था...' पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के चश्मदीदों की आंखों देखी

यूपी के संभल में आतिशबाजी फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट की घटना के चश्मदीदों ने कहा कि विस्फोट के बाद उठकर भागे तो रूस-यूक्रेन पर गोले फेंकने जैसा मंजर था. जान बचाने के लिए घर में घुसे तो तेज धमाकों की आवाजें थीं और पूरे मकान हिल रहे थे. लोगों को मौत दिखाई दे रही थी. पढ़िए हादसे की ग्राउंड रिपोर्ट.

Fireworks factory Blast. Fireworks factory Blast.
अभिनव माथुर
  • संभल,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मंगलवार को घनी आबादी के बीच अवैध रूप से चल रही आतिशबाजी फैक्ट्री में धमाका हुआ था. इससे कई मकान मलबे में तब्दील हो गए और 4 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 9 लोग अभी अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. जिस मकान में विस्फोट हुआ, उसका सफाया हो चुका है. वहीं भयावह हादसे आसपास के मकान भी खंडहर हो चुके हैं.

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घर में पड़ा रोजमर्रा का सामान यूं बिखरा है, जैसे वर्षों से वहां कोई नहीं आया. घटनास्थल के आसपास रहने वाले बच्चे और बुजुर्ग इस भयानक घटना के मंजर को भुला नहीं पा रहे हैं. आजतक की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो बच्चों और बुजुर्गों हादसे का आंखों देखा मंजर बयां किया.

दरअसल, गुन्नौर कोतवाली इलाके के सराय मोहल्ले में मंगलवार शाम लगभग 5 बजकर 45 मिनट पर साबिर अली के घर में अवैध रूप से संचालित आतिशबाजी फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था. इसमें 4 जिंदगियां चली गईं. कारोबारी की पत्नी गुड्डो और बेटी अनम की मौत हो चुकी है, वहीं 6 वर्षीय ओम और 16 वर्षीय सुमैया की भी जान चली गई.

फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस

हादसे के शिकार हुए 9 लोग अभी भी संभल और आसपास के अस्पतालों में भर्ती हैं और अपने पैरों पर दोबारा खड़े होने की दुआ कर रहे हैं. रिहायशी इलाके में घर के अंदर चल रही आतिशबाजी फैक्ट्री में विस्फोट की घटना के बाद गुन्नौर कोतवाली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक साबिर अली के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.

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घटनास्थल पर पुलिस का पहरा, रास्ता बंद

घटनास्थल से मलबे को हटाने के बाद अब रास्ते में बैरिकेडिंग कर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है. बैरिकेडिंग की शुरुआत सराय मोहल्ले के प्राथमिक विद्यालय से होती है. यहां आतिशबाजी कारोबारी साबिर अली के भाई पटाखा कारोबारी सलीम के घर के आगे रास्ता बंद किया गया है. घटनास्थल की तरफ जाने वाले रास्ते पर स्थित मकान में कड़ियां टूटकर गिर चुकी हैं और घर की दीवारों और छत का मलबा जमीन पर फैला हुआ है.

जमींदोज मकान, बिखरे सुतली बम और बारूद की थैली

घर के अंदर जमीन पर पड़े सुतली बम और घर के बाहर रखी हुई बारूद की थैली तस्दीक करती है कि घर के अंदर भी पटाखे बनाने का काम किया जाता था. आतिशबाजी फैक्ट्री वाली जगह अब पूरी तरह से खाली है और चारों तरफ मलबा है. मुख्य घटनास्थल के पास स्थित चार मकान 70 प्रतिशत तक खंडहर हो चुके हैं. आसपास के कई बहुमंजिला मकानों में दरारें हैं.

कई मकानों से बरामद हुई थी आतिशबाजी बनाने की सामग्री

घटना के बाद मलबा हटाने का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद पुलिस ने घटनास्थल के आसपास की गलियों में स्थित कई मकानों से आतिशबाजी बनाने की सामग्री भारी मात्रा में बरामद की है. आधा दर्जन मकानों को सील कर दिया गया है. विस्फोट में 4 की मौत और आधा दर्जन मकान खंडहर में तब्दील होने की घटना ने मंडल और शासन स्तर पर बैठे अफसरों की चिंता बढ़ा दी है.

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भयावह मंजर को नहीं भूल पा रहे चश्मदीद

अब बम निरोधक दस्ता और खुफिया विभाग की टीमें छानबीन में जुटी हैं, लेकिन सराय मोहल्ले में हुई घटना ने इलाके के बच्चों-बुजुर्गों और महिलाओं को झकझोर कर रख दिया है. मोहल्ले के चश्मदीद बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उस भयावह मंजर को भूल नहीं पा रहे हैं. घटनास्थल के पास मौजूद बच्चों ने ग्राउंड जीरो पर बातचीत में हादसे की कहानी बयां की है. वहीं इलाके के बुजुर्ग धमाकों को रूस-यूक्रेन युद्ध के बम धमाकों जैसा मंजर बता रहे हैं.

हवा में उड़ती दिख रही थीं ईंटें

आतिशबाजी विस्फोट की घटना के चश्मदीद बुजुर्ग का कहना है कि मैं कल इसी जगह पर बैठा हुआ था, तभी अचानक कुछ आवाजें हुईं. जब तक हम उठकर खड़े हुए, तभी एक विस्फोट हुआ और आसमान में चारों तरफ काला धुआं था. उसके करीब 1 मिनट बाद बहुत जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें ईंटे हवा में उड़ती दिखाई दीं. कुछ ईंटें मुझे भी लगीं.

जान बचाकर भागे, मची थी अफरा-तफरी

चश्मदीद बच्चों और बुजुर्गों ने आतिशबाजी विस्फोट की घटना को बयां करते हुए कहा कि विस्फोट के बाद उठकर भागे तो रूस-यूक्रेन के युद्ध जैसा मंजर था. जान बचाने के लिए घर में घुसे तो तेज धमाकों की आवाजें थीं और पूरे मकान हिल रहे थे. लोगों को मौत दिखाई दे रही थी.

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इलाके के बुजुर्गों का दावा है कि ज्यादातर घरों में आतिशबाजी, गोले बनाने का काम किया जाता है. ये आतिशबाजी घर की छतों पर सुखाई जाती है.

चश्मदीद बच्चों ने कहा कि हादसे के बाद घर का लेंटर हवा में उड़ता हुआ दिखाई दे रहा था. ईंटें और लेंटर गिरा तो एक बच्चे दब गया. पड़ोसी युवक ने कहा कि यहां आतिशबाजी का काम होता है. छोटे-मोटे पटाखे या नाल बनाने का काम करते थे.

बड़े स्तर पर तैयार होते थे सुतली बम

घटनास्थल की तस्वीरें आतिशबाजी विस्फोट के भयावह मंजर को बयां कर रही हैं. विस्फोट के बाद आतिशबाजी फैक्ट्री का सफाया हो चुका है. फैक्ट्री के पीछे के चार मकान भी पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. पड़ोस के मकान में बड़े स्तर पर सुतली बम तैयार होते थे. घटना के बाद इलाके के आधा दर्जन घरों से आतिशबाजी और देशी सुतली बम बरामद हुई थी. इन घरों को पुलिस ने सील कर दिया है. पुलिसकर्मी घटनास्थल पर आतिशबाजी विस्फोट के मलबे की सुरक्षा में लगे हैं.

पहला धमाका हुआ तो भागे, पूरे मकान हिल रहे थे

घटना के गवाह एक अन्य बुजुर्ग ने कहा कि जब पहला विस्फोट होने के बाद हम भागे तो ऐसा लगा जैसे कि रूस यूक्रेन पर गोले फेंक रहा हो, बिलकुल वैसा ही मंजर था. जब मैं घर की तरफ भागा तो घर में भी बहुत तेज धमाकों की आवाज आ रही थी और मकान पूरे हिल रहे थे. इसके बाद मैं वहां से निकलकर भागा तो दूसरी तरफ मकान गिर गया और उसके 2 मिनट बाद ही दूसरा धमाका हुआ, जिसमें काला धुआं छा गया.

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उस समय किसी को कोई चीज नहीं दिखाई दे रही थी. केवल लोगों को मौत दिखाई दे रही थी. इसके बाद जब तीसरा धमाका हुआ तो ईंट पत्थरों की बरसात ऐसे हो रही थी जैसे कि बजरी की फुटबॉल बना दी हो. स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं कि यह कोई हाल फिलहाल में शुरू हुआ काम नहीं, बल्कि सालों से चल रहा था.

दीपावली और शादी-बरात के लिए बनती है आतिशबाजी

यहीं पर दीपावली के लिए और शादी बरातों में जाने वाले पटाखे बनते हैं. इनके पास लाइसेंस होने की बात कही जाती है. जंगल के लिए लाइसेंस दिया गया है, वहां पर बनते नहीं है. स्थानीय बुजुर्ग का एक और गंभीर दावा यह भी है कि यहां हर घर में गोले बनाने का काम किया जाता है और आसपास के मकानों में गोले बनाने के लिए दिए जाते हैं. पटाखे बनाने के साथ ही उन्हें छत पर सुखाया जाता है.

लोग मलबे में दब गए थे, जेसीबी से निकाला गया

घटना के चश्मदीद बच्चे बताते हैं कि कल हमने जब देखा था तो यहां पर पहले सिलेंडर फटे थे और उसके बाद बम फटे थे. जो लोग यहां मलबे में दब गए थे, उनको जेसीबी से निकाला गया था. हमें धुआं दिखाई दे रहा था. लेंटर हवा में उड़ता दिखाई दे रहा था, जिसकी वजह से बहुत लोगों के घरों में ईंटें गिरीं. बहुत लोगों को चोटें लगी थीं.

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दूसरे चश्मदीद बच्चे का कहना है कि जब हमने देखा तो लेंटर फटा और उस समय एक पिता अपने बच्चे को गोद में लेकर घुमा रहे थे, उनके सिर पर आकर कोई टुकड़ा लगा और सिर फट गया. इसके बाद वहां कई लोग दबे गए थे, उनको जेसीबी से निकाला गया था.

धमाका हुआ तो लगा हमारा मकान गिर गया

आतिशबाजी विस्फोट वाली मुख्य जगह से 20 कदम की दूरी पर स्थित मकान में रहने वाले चश्मदीद युवक का कहना है कि कल शाम 5:30 बजे हम बरामदे में थे, तभी धमाका हुआ तो लगा हमारा घर गिर गया है. जब बाहर निकलकर देखा तो चारों तरफ से ईंट पत्थर हमारी तरफ आ रहे थे. इसके 2 मिनट बाद ही एक धमाका और हुआ तो उसमें ईंट गिरने लगीं.

'जिंदगी में पहली बार देखा ऐसा मंजर'

युवक का कहना है कि हमने बचपन से उस घर में आतिशबाजी का काम होता हुआ देखा है. इससे पहले उनके पिता करते थे. अब यह लोग कर रहे थे. यह छोटे-मोटे पटाखे जैसे नाल या गोले बनाने का काम करते थे. यहां पहले 15 से 20 मिनट तक मकान में धमाके होते रहे. इसके बाद जब इनके भाई के घर में आग लगी तो आधे घंटे तक धमाके हुए. हादसा इतना भयानक था कि मैंने अपनी लाइफ में ऐसी घटना पहली बार देखी है.

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