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भल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद भले ही तनावपूर्ण शांति बनी हुई है लेकिन पूरे मामले पर सियासत अभी भी सुलग रही है. एहतियात के तौर पर जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिया गया है.
इस हिंसा की शुरूआत रविवार सुबह तब हुई जब कोर्ट के आदेशानुसार, दूसरी बार एक सर्वे टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए चंदौसी पहुंची थी. मंगलवार (19 नवंबर) को एक स्थानीय अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था. यह आदेश उस याचिका को सुनने के बाद दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि 1526 में मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था. यह आदेश संभल के चंदौसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत ने पारित किया था.
कौन हैं आदित्य सिंह
संभल के चंदौसी में तैनात सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. जून 2018 में आदित्य सिंह का प्रदेश की ज्यूडिशल सर्विसेज में चयन हुआ था. बीते साल 18 नवंबर 2023 को ही आदित्य कुमार सिंह मजिस्ट्रेट सिविल जज सीनियर डिवीजन के पद पर प्रमोशन हुआ. 2018 में न्यायिक सेवा में चयन होने के बाद आदित्य सिंह की पहली पोस्टिंग जुडिशल मजिस्ट्रेट सहारनपुर रही.
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29 जनवरी 2019 को आदित्य सिंह सिविल जज जूनियर डिवीजन सहारनपुर बने और अप्रैल 2019 में जुडिशल मजिस्ट्रेट बनाए गए. सहारनपुर में तैनाती के दौरान आदित्य सिंह देवबंद के भी एडिशनल सिविल जज रहे. जुलाई 2022 में आदित्य सिंह का तबादला बिजनौर की चांदपुर सिविल जज जूनियर डिवीजन में कर दिया गया. सिविल जज सीनियर डिवीजन में प्रमोशन हुआ तो 21 नवंबर 2023 को आदित्य सिंह संभल के चंदौसी के सिविल जज बनाए गए.
याचिका में मंदिर होने का दावा
याचिका में दावा किया गया है कि संभल शहर के बीचों-बीच भगवान कल्कि को समर्पित एक सदियों पुराना श्री हरि हर मंदिर है, जिसका जामा मस्जिद समिति द्वारा जबरन और गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि संभल एक ऐतिहासिक शहर है और हिंदू शास्त्रों में इसकी गहरी जड़ें हैं, जिसके अनुसार यह एक पवित्र स्थल है, जहां भविष्य में भगवान विष्णु के एक अवतार कल्कि का आगमन होगा.
अदालत के आदेश के बाद रविवार को दोबारा संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम चल रहा था. लेकिन इस सर्वे के दौरान अचानक भारी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद पुलिस की टीम पर पथराव शुरू कर वाहनों में आग लगा दी. इस हिंसा में तार लोगों की मौत हो गई.
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पुलिस ने हिंसा का वीडियो जारी किया
संभल पुलिस ने वीडियो जारी करके बताया कि साजिश के तहत नकाबपोश पत्थरबाजों का इस्तेमाल करके माहौल बिगाड़ा गया जिसके बाद हिंसा भड़की. पुलिस ने ऐसे हथियार भी दिखाए हैं जो हिंसक भीड़ के पास से मिले हैं. साथ ही प्रशासन ये भी दावा कर रहा है कि, जिन चार लोगों की मौत को लेकर विपक्ष मुद्दा बना रहा है उनकी मौत पुलिस की गोली नहीं बल्कि किसी और हथियार से हुई है.
मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार ने भी साफ किया है कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक 315 बोर की गोली लगने से चार लोगों की मौत हुई है, जबकि पुलिस के पास 9MM वाले हथियार होते हैं. पुलिस ने हिंसा से जुड़े मामले में अब तक 7 एफआईआर दर्ज की हैं. इनमें 6 नामजद और 2500 से ज्यादा अज्ञात हैं.अब तक 25 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है.