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'मेरे खिलाफ सबूत पेश करके दिखाएं', संभल हिंसा मामले में SP विधायक के बेटे की पुलिस को चुनौती

संभल हिंसा मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल मलिक के बेटे सोहेल इकबाल पर भी एफआईआर दर्ज है. इस एफआईआर को लेकर उन्होंने अधिकारियों को चुनौती है. उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके खिलाफ सबूत पेश करके दिखाएं.

संभल हिंसा (फाइल फोटो) संभल हिंसा (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • संभल,
  • 25 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी विधायक इकबाल मलिक के बेटे सोहेल इकबाल पर भी एफआईआर दर्ज है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर अब सोहेल इकबाल का बयान आया है. उन्होंने आजतक से बात करते हुए कहा कि उनके पिता ने उन्हें फोन करके बताया कि कल सर्वे टीम आ रही है. ऐसे में जाकर सुनिश्चित करें कि सर्वे टीम को कोई परेशानी न हो और शांति भंग न हो. फिर वे जफर (मस्जिद सदर) गए, तभी प्रशासन ने उनसे कहा कि वे जफर के घर के अंदर ही रहें.

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 सोहेल इकबाल ने कहा कि जब हिंसा हुई, तब मैं घर के अंदर ही था. मैं लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता रहा. मैं अधिकारियों को चुनौती देता हूं कि वे मेरे खिलाफ कोई भी ऐसा सबूत पेश करें, जिससे मेरी संलिप्तता साबित हो. मेरा इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है.

यह भी पढ़ें: संभल हिंसा की होगी मजिस्ट्रियल जांच, SP सांसद-विधायक समेत 2700 पर FIR, 25 गिरफ्तार

वहीं, इसको लेकर सपा विधायक इकबाल मलिक ने आजतक से कहा कि मुझे शाम को पता चला कि अगली सुबह सर्वे होने वाला है. स्थानीय लोगों ने मुझे यह बात बताई. जिसके बाद मैंने अपने बेटे से कहा कि वह सुनिश्चित करे कि शांति भंग न हो. मेरा बेटा इस घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है. सर्वे करने की इतनी जल्दी क्या थी? ऐसा लगता है कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया. 

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जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने वालों पर पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने रात भर छापेमारी की. मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ केस दर्ज किया है. सपा सांसद पर आरोप है कि उन्होंने सुनियोजित तरीके से इस हिंसा को भड़काया. इसके लिए उन्होंने मस्जिद के बाहर भीड़ को इकट्ठा किया और फिर उसे उकसाया, जिसके बाद इतने बड़े स्तर पर हिंसा हुई. 

यह भी पढ़ें: 'मस्जिद से अनाउंसमेंट हो रहा था सब्र बनाए रखें, लेकिन भीड़...', संभल हिंसा के चश्मदीद ने बताया मंजर

जिला अदालत के आदेश के बाद संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम चल रहा था. सर्वे के दौरान अचानक भारी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद पुलिस की टीम पर पथराव शुरू कर वाहनों में आग लगा दी. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई.

2750 पर हुई है FIR

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संभल हिंसा के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. संभल हिंसा मामले में अब तक 2750 अज्ञात और कुछ नामजद लोगों के खिलाफ कुल 7 FIR दर्ज हुई है. इस हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 4 बड़े अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 

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