
उत्तर प्रदेश के संभल में एक महिला स्कूल टीचर को सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि सवाल का जवाब नहीं देने पर टीचर ने मुस्लिम छात्र को एक हिंदू क्लासमेट को थप्पड़ मारने का आदेश दिया था.
पुलिस ने कहा कि स्कूल टीचर को सांप्रदायिक नफरत भड़काने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने बताया कि यह घटना मंगलवार को संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के दुगावर गांव में एक निजी स्कूल में हुई.
एडिशनल एसपी शिरीश चंद्रा ने बताया कि हिंदू लड़के के पिता की शिकायत के आधार पर शिक्षिका शाइस्ता पर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि आरोपी महिला शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है. लड़के के पिता ने आरोप लगाया कि उनका बेटा स्कूल में 5वीं कक्षा का छात्र है, जहां उसकी क्लास टीचर ने एक मुस्लिम छात्र से उसे थप्पड़ मरवाया, क्योंकि वह उसके पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दे सका था. अपनी शिकायत में पिता ने कहा कि इससे उनके बेटे की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. एडिशनल एसपी चंद्रा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
स्कूल ने महिला टीचर को किया सस्पेंड
वहीं इस मामले को लेकर स्कूल की प्रिंसिपल शामिना मोल ने बताया की जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तुरंत कार्रवाई कर शिक्षिका को स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया और उन्हें स्कूल से भी निकाल दिया गया है. स्कूल प्रिंसिपल ने बताया की जब भी हम किसी शिक्षक को नौकरी पर रखते हैं तब एक स्टॉम्प पेपर पर एग्रीमेंट साइन कराते हैं कि वो किसी भी बच्चे को फिजिकली टॉर्चर नहीं कर सकते. फिलहाल पीड़ित बच्चा अभी डिप्रेशन में है और उसके मां-बाप उसे इससे निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में भी सामने आया था ऐसा ही मामला
बीते महीने मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में इसी तरह की एक घटना सामने आई थी. एक निजी स्कूल के शिक्षक ने होमवर्क न करने पर एक मुस्लिम बच्चे को उसके सहपाठियों से थप्पड़ मरवा दिया था. आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इस मामले को लेकर 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी छात्र को इस आधार पर दंडित करने की मांग की जाती है कि वह एक विशेष समुदाय से है तो यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं हो सकती है. कोर्ट ने मुजफ्फरनगर मामले में खराब जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की थी. शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को मामले की जांच के लिए एक सप्ताह के भीतर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया था.