
उमेश पाल किडनैपिंग केस में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा मिल चुकी है. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला ने इस सजा का ऐलान किया. अतीक को 44 साल में पहली बार किसी केस में सजा देने वाले जज डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उनके आवास के बाहर सुरक्षाकर्मियों को बढ़ा दिया गया है.
यूपी पुलिस के टॉप अफसरों के मुताबिक, लोकल पुलिस ने अपने स्तर पर पर्याप्त सुरक्षा जज दिनेश चंद्र शुक्ला को प्रदान की है. इतनी ही नहीं कोर्ट परिसर की भी सुरक्षा कड़ी की गई है. अभी उन्हें किसी श्रेणी की सुरक्षा नहीं मिली है. पुलिस अफसरों का कहना है कि किसी को सुरक्षा देने के लिए मीटिंग होती है, तब जाकर तय होता है.
रायबरेली के रहने वाले हैं जज दिनेश चंद्र शुक्ला
स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर जज दिनेश चंद्र शुक्ला, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले हैं. 1 जनवरी 1968 को जन्मे दिनेश शुक्ला ने 1982 में हाईस्कूल, 1984 में इंटरमीडिएट, 1986 में बी-कॉम, 1988 में एम-कॉम, 1991 में एलएलबी और 2014 में पीएचडी की डिग्री हासिल की. दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2009 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं. 21 अप्रैल 2009 को उन्होंने भदोही के ज्ञानपुर में बतौर ज्यूडिशल मैजिस्ट्रेट अपने करियर की शुरुआत की थी.
2022 में स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) के प्रीसीडिंग ऑफिसर के पद पर आने से पहले जज दिनेश चंद्र शुक्ला, इलाहाबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज के पद पर तैनात थे. इससे पहले एडीजे झांसी, अडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज इलाहाबाद और मेरठ में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सचिव के पद पर भी सेवाएं दी हैं. जज दिनेश चंद्र शुक्ला की रिटायरमेंट 29 फरवरी 2028 में है.
जब 10 जजों ने अतीक के केस से किया था खुद को अलग
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक दौर ऐसा था कि अतीक अहमद के मामले की सुनवाई करने से भी जज कतराते थे. उसके एक केस की सुनवाई से 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था. दरअसल, 2012 में अतीक अहमद का खौफ इस कदर था कि उसके बेल अप्लीकेशन पर सुनवाई से हाई कोर्ट के 10 जजों ने खुद को अलग कर लिया था.
इसके बाद सुनवाई के लिए 11वें जज ने हामी भरी और अतीक अहमद को बेल दे दी थी. अतीक 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जेल से बाहर आना चाहता था और 11वें जज ने उसको बेल भी दे दी, लेकिन वह विधानसभा चुनाव होर गया था. हालांकि, 2012 में सपा सरकार बन गई और अतीक अतीक ने दोबारा अपनी हनक बनाने का पूरा प्रयास किया.
17 साल पुराने मामले में अतीक समेत 3 आरोपी दोषी करार
बता दें, यूं तो अतीक पर 100 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं, लेकिन 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. जबकि, अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया.