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UP में लू का कहर, कई हॉस्पिटलों में कम पड़े बेड, कई फीसदी बढ़े मरीज

देश के कई हिस्सों में गर्मी जानलेवा हो चुकी है. बीते कुछ दिनों से यूपी में लू ने कहर बरपाया है. जिसकी वजह से सरकारी अस्पतालों की में मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा देखे को मिला है. आजतक की टीम ने अलग-अलग हॉस्पिटल में पहुंचकर यह पता लगाने की कोशिश की कि अस्पतालों में हीटवेव से बचने की कैसी व्यवस्थाएं हैं

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)

उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और हीटवेव की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. आजतक की टीम ने अलग-अलग हॉस्पिटल में पहुंचकर हीटवेव से बचने की व्यवस्थाओं मरीज की स्थिति और संख्या जानने की कोशिश की. राजधानी लखनऊ के केजीएमसी और बलरामपुर हॉस्पिटल में सुबह 8 बजे के करीब एक साथ काफी पेशेंट पहुंचे. जिसकी वजह से उन्हें सही तरीके से इलाज नहीं मिल पाया. 

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केजीएमसी अस्पताल में मरीजों की संख्या में भारी इजाफा

लखनऊ के गोमती नगर के रहने वाले संतराम वर्मा एक किसान हैं. गर्मी के चलते उन्हें अचानक काफी परेशानी होने लगी. बेटा राकेश उन्हें लखनऊ के कई हॉस्पिटल लेकर पहुंचा लेकिन इलाज नहीं मिला. जिसके कारण उन्हें बलरामपुर जाकर इलाज करवाना पड़ा. इसके अलावा हरदोई से इलाज के लिए लखनऊ पहुंचा 14 साल का अंशु दीक्षित ने भीषण गर्मी में कोल्ड ड्रिंक से बीमार पड़ गया फिर उसके परिजनों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा. 

चंदौली में हीटवेव ने लोगों का जीना किया मुहाल

चंदौली जिले हीटवेव से बीमार हुए लोग बड़ी तदात में अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से ओपीडी काफी भीड़ जमा हो गई है. लोगों को पर्चा बनवाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है. इलाज के लिए आए सिद्धार्थ गुप्ता का कहना है कि वो एक घंटे से लाइन में खड़े हैं. उनके पैर में चोट लगी है. जिले में एकमात्र ही बड़ा अस्पताल है, जिसकी वजह से काफी भीड़ है. लाइट भी बार-बार कट रही है. इसके अलावा अस्पताल में इलाज कराने आए हीरालाल का कहना है कि वो एक गरीब इंसान है, यहां इसलिए आएं है कि दवा मुफ्त मिल जाए. बिजली आ रही है और चली जा रही है. इस भीषण गर्मी ने तकलीफ को काफी बढ़ा दिया है. 

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हीटवेव से 15 से 20 फीसदी मरीजों में हुआ इजाफा

सीएमएस डॉक्टर उर्मिला का कहना है कि हीटवेव को देखते हुए हमने लोगों को आब्जर्ब किया है. 15 से 20 प्रतिशत मरीजों में इजाफा हुआ है. जो हीटवेव और डायरिया की वजह से हैं. बलिया में जिला अस्पताल में 15 जून से लेकर 18 जून तक जिला चिकित्सालय के रिकार्ड के अनुसार 68 मरीजों की मौत हुई है.  अस्पतालों में इस समय भारी भीड़ है. मामला इतना बढ़ गया कि शासन को संज्ञान लेना पड़ा. उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बलिया के लिए 5 सदस्यी एक टीम को भेजा. जो बलिया में हुए बीमार लोगों की मौत की जांच कर रही है. 

कानपुर में सरकारी अस्पतालों में 1200 मरीजों की ओपीडी लग रही है

कानपुर में गर्मी की हिट स्टॉक से कोई मौतें अभी तक सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है. लेकिन गर्मी का आलम यह है कि शहर के जिला अस्पताल के साथ-साथ अन्य सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ एकाएक उमड़ रही है. आलम यह है कि कानपुर के जिला हॉस्पिटल उर्सला में औसतन 6 से  700 मरीजो के पर्चे बनते थे. अब प्रतिदिन 1200 मरीजों की ओपीडी लग रही है. 

जिला हॉस्पिटल के सीएमएस डॉक्टर शैलेश तिवारी का कहना है कि एकदम से ही मरीजों की संख्या बड़ी है. ज्यादातर लोग गर्मी के चलते डायरिया, डिहाईड्रेशन जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं. यहां किसी की गर्मी से मौत नहीं हुई है. इलाज के लिए हॉस्पिटल में पर्चा बनवाने के लिए एक कि जगह दो दो लाइने लग रही हैं.  मरीजों का कहना है कि गर्मी के चलते बीमार हुए हैं. 

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हीटस्ट्रोक से अस्पताल से बेड हुए फूल

वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में हीटस्ट्रोक के पूरे बेड फूल, रोज हिट स्ट्रोक के 12 मरीज आ रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से गर्मी से हाहाकार मचा है. लगातार हीट स्ट्रोक के चलते मरीजों की मौत हो रही है. बनारस का चिकित्सा विभाग अलर्ट पर है, पंडित दीनदयाल में हीटस्ट्रोक के काफी पेशेंट हैं.  

गोरखपुर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में अभी तक हीटस्ट्रोक से एक भी मौत नहीं हुई है. पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है , जिसके कारण अस्पतालों में मरीजा काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. 

(इनपुट- बृजेश कुमार)

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