
माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन लंबे से फरार चल रही है. उसकी तलाश में एजेंसियां लगी हुई हैं. इस बीच ED की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. बताया गया कि माफिया अतीक एंड कंपनी जो रकम अवैध रूप से वसूलती थी, वो शाइस्ता के खाते में ट्रांसफर की जाती थी.
चार्जशीट के मुताबिक, लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल से जबरन वसूले गए 75 लाख रुपये में से 50 लाख अतीक अहमद के खाते में और 25 लाख रुपये शाइस्ता के खाते में ट्रांसफर किए गए थे. ये रकम मोहित जायसवाल की कंपनी Mj Infra Housing प्राइवेट लिमिटेड से एक ही दिन में अतीक और उसकी पत्नी शाइस्ता के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाई गई थी.
ED ने देवरिया जेल में मोहित जायसवाल को अगवा कर वसूली करने के मामले में दर्ज केस में चार्जशीट दाखिल की है. इसी चार्जशीट में ये खुलासा है. अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने कारोबारी मोहित की कंपनियों को हथिया लिया था. उसकी कंपनी के खाते से ट्रांसफर की गई रकम से प्रयागराज के झूंसी फूलपुर में एक बड़ी संपत्ति खरीदी गई थी. हालांकि, ED ने उस संपत्ति को अटैच कर लिया है.
ED की चार्जशीट में यह भी बताया गया कि देवरिया जिला जेल में मोहित को अगवा कर पीटने की घटना के एक हफ्ते के अंदर ही प्रयागराज में 75 लाख की संपत्ति खरीदी गई थी. इस काम को अतीक एंड कंपनी ने अंजाम दिया था.
शाइस्ता परवीन का अभी तक नहीं चल सका पता
बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की इद्दत की मियाद भी पूरी हो चुकी है. अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों आरोपी महिलाओं के अलावा आयशा नूरी की तलाश तेज कर दी है. हालांकि, अब तक पुलिस लाखों खर्च करके सिर्फ लकीर पीट रही है. 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन समेत 5 लाख रुपये के इनामिया आरोपियों का 180 दिनों बाद भी कोई पता नहीं चल पा रहा है.
आरोपियों की गुरफ्तारी के लिए पुलिस कभी हटवा, मारियाडीह गांव में दबिश दे रही है. कभी जिले और जिले के बाहर. लेकिन न तो 50 हज़ार की इनामिया शाइस्ता परवीन हाथ लगी और न ही अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा. वहीं, जैनब की बहन आयशा नूरी के साथ 5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान के साथ गुलाम भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े.