महिलाओं को शोहदों से बचाएगा 'शक्ति बैंड', जानिए क्या है इसकी खासियत

अब महिलाएं आत्मरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगी. क्योंकि यहां अब 'शक्ति बैंड' महिलाओं की सुरक्षा करेगा. ‘शक्ति बैंड’ एक आधुनिक सुरक्षा उपकरण है जिसे खासतौर पर महिलाओं को उत्पीड़न और हमलों से बचाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

सिमर चावला

  • कानपुर,
  • 16 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब महिलाएं आत्मरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगी. क्योंकि यहां अब 'शक्ति बैंड' महिलाओं की सुरक्षा करेगा. ‘शक्ति बैंड’ एक आधुनिक सुरक्षा उपकरण है जिसे खासतौर पर महिलाओं को उत्पीड़न और हमलों से बचाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है. यह रिस्ट बैंड किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को 4000 वोल्ट का झटका देने की क्षमता रखता है. जिससे वह अस्थायी रूप से अचेत हो जाता है. इसके साथ ही यह डिवाइस जीपीएस तकनीक के ज़रिए महिला की लाइव लोकेशन सहित आपातकालीन संदेश उसके परिवार और पुलिस तक पहुंचा देता है. इस डिवाइस की कीमत 3000 रुपये है और इसे ऑनलाइन खरीदा जा सकता है.

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1400+ महिलाएं कर रही हैं इसका सफल उपयोग

कानपुर स्थित PSIT इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इनक्यूबेशन सेंटर में ‘शक्ति वेयरएबल्स’ नामक स्टार्टअप के तहत इस बैंड को डॉ. सृष्टि शर्मा द्वारा विकसित किया गया है. अब तक 1400 से अधिक महिलाओं ने इसे अपनाया है और यह रोजमर्रा की सुरक्षा के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है. यह डिवाइस महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

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पानी में सुरक्षित और लंबे समय तक काम करने वाला उपकरण


यह रिस्ट बैंड पूरी तरह से जलरोधक और विद्युत सुरक्षा से युक्त है. इसे केवल 30 मिनट चार्ज करने पर 70 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है. कंपनी भविष्य में इस तकनीक को अंगूठी, जूते और छड़ी जैसी वस्तुओं में भी शामिल करने की योजना बना रही है.

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स्वचालित प्रतिक्रिया और लोकेशन शेयरिंग

इस डिवाइस में लगा अत्याधुनिक मोशन सेंसर उपयोगकर्ता की हरकतें और दिल की धड़कन जैसी गतिविधियां पहचान सकता है. खतरे की स्थिति में यह सेंसर सक्रिय होकर हमलावर को बिजली का झटका देता है और तुरंत ही पुलिस व परिवार तक लाइव लोकेशन के साथ सूचना भेजता है.

पेटेंट और सरकारी सराहना प्राप्त

इस तकनीक को भारतीय पेटेंट प्राप्त है और वैश्विक स्तर पर भी पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है। इस बैंड की उपयोगिता और नवाचार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी सराहा है. उनके अनुसार यह उपकरण महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.

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