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'स्कूलों में हजरत इमाम हुसैन के बारे में पढ़ाया जाए' शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की मांग

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि स्कूलों में हजरत इमाम हुसैन के बारे में पढ़ाया जाए. कहा कि 14 सौ साल पहले मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए सबसे बड़े आतंकवादी यजीद से कर्बला के मैदान में मुकाबला किया था. उन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी थी.

मौलाना यासूब अब्बास मौलाना यासूब अब्बास
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 25 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि स्कूलों में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन के बारे में पढ़ाया जाए. इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा है.

सबसे बड़े आतंकवादी से किया था मुकाबला

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि 14 सौ साल पहले मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए सबसे बड़े आतंकवादी यजीद से कर्बला के मैदान में मुकाबला किया था. उन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दे दी थी. इसलिए हजरत इमाम हुसैन की याद में हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाया जाता है.

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जहां मुसलमान तो नहीं मगर इंसान रहते हैं

मौलाना यासूब अब्बास ने आगे बताया कि 14 सौ साल पहले जब यजीद की फौजों ने इमाम हुसैन का रास्ता रोक दिया तो उन्होंने यजीदी आतंकवादियों से कहा कि तुम मेरा रास्ता छोड़ दो क्योंकि मैं तुम्हारी सरहदों से दूर हिंदुस्तान जाना चाहता हूं, जहां मुसलमान तो नहीं मगर इंसान रहते हैं.

हजरत इमाम हुसैन के बारे में पढ़ाया जाए

यासूब अब्बास ने यह भी बताया कि हिंदुस्तान में रहने वाले दूसरे धर्म के लोग भी हजरत इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम मनाते हैं. ऐसे में हिंदुस्तान के स्कूलों के पाठ्यक्रम में जहां भारत को आजाद कराने वाले महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाता है. ठीक इसी तरह स्कूल के सिलेबस में हजरत इमाम हुसैन के बारे में पढ़ाया जाए.

 

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