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कोई बेघर तो किसी के घर में दरवाजा नहीं... भेड़िया से बचाने पंचायत भवन और स्कूलों को बनाया रैन बसेरा

यूपी के बहराइच (Bahraich) में भेड़ियों (wolves) के हमलों से प्रभावित गांवों में लोगों के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं. इन आश्रय स्थलों में वे लोग रह रहे हैं, जिनके पास या तो घर नहीं हैं, या फिर अपने घरों में पर्याप्त सुरक्षा नहीं है. प्रशासन ने पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालय के भवनों को रैन बसेरा बना दिया है.

स्कूलों को बनाया रैन बसेरा. स्कूलों को बनाया रैन बसेरा.
समर्थ श्रीवास्तव
  • बहराइच,
  • 07 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

उत्तर प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में भेड़िये के आतंक से लोग परेशान हैं. भेड़िये के हमले से कई लोगों की जान जा चुकी है. अब जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए हैं. भेड़िये के हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग हैं, जो या तो बेघर हैं या जिनके आवास में दरवाजे या मजबूती नहीं है. ऐसे लोगों के रात में रहने के लिए प्रशासन ने पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालयों को आश्रय घर बना दिया है.

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इन आश्रय स्थलों में रात के समय लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, जिसमें लाइट, पीने का साफ पानी, शौचालय, पंखे और बिस्तर जैसी सुविधाएं शामिल हैं. गांव के जो लोग भेड़ियों के डर में जी रहे थे, अब वे इन आश्रय घरों में रह रहे हैं.

ग्रामीणों ने आजतक से बातचीत में बताया कि उनके पास अपने घरों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी. भेड़ियों से उनकी जान को खतरा था. ऐसे में इन अस्थायी आश्रय स्थलों में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी टू बहराइच... बाघ और भेड़िया से दर्जनों गांवों में दहशत, आदमखोरों के आतंक की पूरी कहानी

पिछले कुछ महीनों में भेड़ियों के हमलों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं, जबकि लगभग 4 दर्जन लोग घायल हुए हैं. यह गंभीर स्थिति प्रशासन और वन विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. भेड़ियों को पकड़ने के लिए भारी पुलिस फोर्स, वन विभाग की 7 जिलों की टीमें, शार्प शूटर्स और स्पेशलिस्ट को तैनात किया गया है. हालांकि, अब तक दो भेड़ियों को नहीं पकड़ा जा सका है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग दहशत में हैं.

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प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं. उम्मीद है कि जल्द भेड़ियों को पकड़ लिया जाएगा. ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ और आश्रय घरों की व्यवस्था की जा रही है. ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है.

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