
उत्तर प्रदेश में 27 फरवरी को राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव है, उससे पहले समाजवादी पार्टी के खेमे में हलचल मच गई है. दरअसल, सपा ने वोटिंग की पूर्व संध्या पर अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी और उनके लिए डिनर आयोजित किया था. लेकिन उसके 8 विधायक बैठक और डिनर में शामिल नहीं हुए. चायल विधायक पूजा पाल, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह, गोसाईगंज विधायक अभय सिंह, अमेठी विधायक महाराजी देवी, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय, सिराथू विधायक पल्लवी पटेल और अंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडेय सपा की बैठक और डिनर में शामिल नहीं हुए.
पार्टी की बैठक और डिनर विधायकों की अनुपस्थिति से सपा को राज्यसभा चुनाव में इनके क्रॉस वोटिंग करने का डर सताने लगा है. अगर ऐसा हुआ तो सपा का खेल बिगड़ सकता है. उसे अपना तीसरा उम्मीदवार जीताने के लिए पहले ही तीन वोट कम पड़ रहे थे, जिनका जुगाड़ करने के लिए अखिलेश यादव और नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया और निर्दलियों से बात की थी. अब अगर उसके खुद के ही 7 विधायक क्रॉस वोटिंग कर देते हैं तो उसके दो ही उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो पाएंगे. अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता पल्लवी पटेल सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ी थीं. उन्होंने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का विरोध जताते हुए पहले ही ऐलान किया था कि राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगी.
यूपी राज्यसभा चुनाव का नंबर गेम
उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव के लिए कल मतदान होगा. इस चुनाव में भाजपा एक अतिरिक्त सीट जीतने की कोशिश कर रही है. मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और समाजवादी पार्टी (एसपी) के बीच है. जबकि चुनाव 10 सीटों के लिए होना है, लेकिन ग्यारह उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा के पास अपने 7 उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए पयोप्त वोट हैं, लेकिन उसने 8वां उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. एक उम्मीदवार को विजेता बनने के लिए 37 वोटों की जरूरत है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटें खाली हैं. इस तरह विधानसभा की मौजूदा ताकत 399 विधायकों की है.
भाजपा को अपने 8वें उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए 9 वोटों की आवश्यकता है. एनडीए में बीजेपी+आरएलडी+अपना दल(एस)+निषाद पार्टी+एसबीएसपी+जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के कुल 288 विधायक हैं. हालांकि, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का एक विधायक जेल में है, जिससे भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 287 रह गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए बसपा सांसद रितेश पांडे अपने पिता राकेश पांडे का वोट बीजेपी में ला सकते हैं. राकेश पांडे समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक हैं. इस तरह बीजेपी को 8 और विधायकों के वोट की जरूरत पड़ेगी.
यूपी विधानसभा में NDA में शामिल दलों का संख्याबल
1. बीजेपी- 252
2. अपना दल (एस)- 13
3.निषाद पार्टी- 6
4. एसबीएसपी- 6
5. जनसत्ता दल- 2
6. आरएलडी- 9
इंडिया ब्लॉक के दलों का यूपी विधानसभा में संख्याबल
1. समाजवादी पार्टी- 108
2. कांग्रेस- 2
अन्य
1. बीएसपी- 1
2. रिक्त- 4
दसवें उम्मीदवार के चयन में क्रॉस वोटिंग की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी को अपने तीसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ तीन वोटों की जरूरत है. सपा और कांग्रेस के पास कुल मिलाकर 110 विधायक हैं. इनमें दो सपा विधायक रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी जेल में हैं. इस तरह सपा को 3 और विधायकों के वोट की जरूरत है. अगर सपा विधायक राकेश पांडे बीजेपी प्रत्याशी को वोट देते हैं तो उन्हें 4 वोटों की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी. विधायकों की क्रॉस वोटिंग 10वें विजेता का फैसला करने में अहम भूमिका निभाएगी क्योंकि क्रॉस वोटिंग के बिना दोनों पार्टियों के लिए जीत चुनौतीपूर्ण होगी.