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मौर्य के इस्तीफे पर बोले अखिलेश यादव- पार्टी के अंदर बातचीत भी होगी, समाधान भी निकलेगा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के एक दिन बाद अखिलेश यादव का बयान आ गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बातचीत हो जाएगी और समाधान भी निकलेगा. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस पार्टी और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए हैं. 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बातचीत से समाधान भी निकलेगा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बातचीत से समाधान भी निकलेगा.
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर अखिलेश यादव ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बातचीत भी हो जाएगी और समाधान भी निकल जाएगा. बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को इस संबंध में एक लंबा चौड़ा खत भी लिखा था. 

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स्वामी प्रसाद ने खत में अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि उनके बयान को पार्टी के कुछ नेता उनका निजी बयान करार देते हैं. वहीं, दूसरे महासचिव का बयान पार्टी का बयान हो जाता है. आखिर यह भेदभाव क्यों?

यह भी पढ़ें- स्वामी मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा, बोले- सपा को सशक्त बनाने में लगा रहूंगा

अब इस मामले में सपा के राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा है. उन्होंने अखिलेश यादव से अनुरोध किया कि वह मौर्य का इस्तीफा स्वीकार न करें क्योंकि मौर्य आरएसएस और भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे "जहर" का मुकाबला कर रहे हैं. इस पर अखिलेश यादव का भी बयान अब आ गया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बातचीत भी हो जाएगी और समाधान भी निकल जाएगा. 

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कांग्रेस पार्टी पर अखिलेश यादव ने यह कहा…

सोनिया गांधी के रायबरेली से न लड़ने पर अखिलेश यादव ने कहा कि यह उनकी पार्टी का अपना फैसला है. अमेठी रायबरेली के कांग्रेस के मजबूत गढ़ सवाल पर उन्होंने कहा कि रायबरेली और अमेठी कांग्रेस का मजबूत गढ़ तो नहीं है, लेकिन उनकी ट्रेडिशनल सीट है. सपा ने हमेशा कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ी है.

किसानों की बात नहीं मानना चाहती है सरकार

किसान आंदोलन पर अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन कर रहा है. देश का किसान भाजपा से जानना चाहता है कि जिन्होंने सपना दिखाया था कि आय दोगुनी हो जाएगी, वो एक तरफ भारत रत्न दे रहे हैं दूसरी तरफ आप किसानों को रोकना चाहते हैं. उनकी मांग नहीं मानना चाहते हैं.

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