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'उन्हें लगा ये मुसलमानों की जमीन है...', नजूल बिल पर अखिलेश यादव का सीएम योगी पर तंज

अखिलेश यादव ने नजूल विधेयक को लेकर सीएम योगी पर तंज कसा है. सपा चीफ ने कहा कि सीएम को लगा कि नजूल मतलब मुसलमानों की जमीन है और इसीलिए वो प्रयागराज और गोरखपुर को खाली करा रहे थे.

सीएम योगी और अखिलेश यादव (फाइल फोटो) सीएम योगी और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 05 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नजूल विधेयक को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है. अखिलेश ने कहा कि यूपी सीएम को लगा कि नजूल का मतलब मुसलमानों की जमीन है.  

अखिलेश ने कहा, "हमारे मुख्यमंत्री जी कितने समझदार हैं. उन्हें पता लगा कि नजूल उर्दू शब्द है. उन्हें अधिकारी समझाते रहे कि नजूल का मतलब कुछ और है, लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं, नजूल का मतलब मुसलमानों की जमीन है. सोचो, जो व्यक्ति उर्दू शब्द नजूल को लेकर पूरा प्रयागराज खाली करा रहे हैं, गोरखपुर खाली करा रहे. मुझे लगता है कि गोरखपुर में उनका निजी स्वार्थ है या उनके सहयोगी का स्वार्थ है." 

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अयोध्या रेपकांड पर अखिलेश ने क्या कहा?

वहीं अयोध्या रेपकांड पर अखिलेश ने कहा, "आप लोग भी सच्चाई जानते हो. बीजेपी चुनाव से पहले साजिश करना चाहती है और उनका लक्ष्य पहले दिन से रहा है कि सपा को कैसे बदनाम किया जाए और खास कर मुसलमान को लेकर उनकी जो सोच है वह अनडेमोक्रेटिक और अनकंस्टीट्यूशनल है." 

सपा चीफ ने कहा कि एक मुख्यमंत्री जो लोकतंत्र में भरोसा नहीं करता है और संविधान पर भरोसा नहीं करता है तो वह योगी नहीं हो सकता है. इस दौरान सपा मुखिया ने तीन घटनाओं का उदाहरण भी दिया. पहला उदाहरण हाथरस, दूसरा गोमतीनगर और तीसरा अयोध्या की घटना का. अखिलेश ने हाथरस की घटना को लेकर कहा कि एक साधु-संत के कार्यक्रम के परमिशन के लिए भाजपा के विधायकों ने लिखा था लेकिन प्रशासन को जो काम जिम्मेदारी से करना चाहिए था वह नहीं किया गया. उसका परिणाम क्या हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई.  

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केवल यादव और मुस्लिम का नाम क्यों लिया, अखिलेश ने पूछा

दूसरी घटना जो गोमती नगर में हुई. मुख्यमंत्री ने सदन में जो कहा सूची बहुत लंबी थी, इसमें पुलिस का दोष कम है. पुलिस ने पूरी सूची दी थी, लेकिन बीजेपी के जो मुख्यमंत्री और सरकार या चाहती है कि पुलिस भी बीजेपी की कार्यकर्ता बन जाए. यह जो नए तरीका का काम हो रहा है कि पुलिस को भी बीजेपी का कार्यकर्ता बना रहे हैं. पुलिस की ओर से पूरी लिस्ट मिली थी तो फिर मुख्यमंत्री ने केवल यादव और मुस्लिम का नाम क्यों पढ़ा? पुलिस भी जानती है कि जिस यादव का नाम लिया है वह कैमरे की फुटेज में था ही नहीं. वह तो चाय पीने गया था क्योंकि पुलिस को यादव मिल गया. इसलिए उसको जेल भेज दिया. ऐसे लोग जो कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं जब भी सरकार आएगी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.  

अयोध्या वाले मामले में DNA टेस्ट की मांग गलत कैसे?- अखिलेश

अयोध्या मामला तीसरा मामला है इसमें अगर सपा कहती है कि डीएनए टेस्ट होना चाहिए तो मुख्यमंत्री आप बताएं कि यह कानून किसका संशोधन है 2023 का, जिसमें यह कहा गया है कि डीएनए टेस्ट होना चाहिए. अगर 7 साल से ज्यादा किसी की सजा का प्रावधान है तो क्या गलत मांगा और उनके परिवार के लोग कह रहे हैं. वहां भी पुलिस सच्चाई जानती है पत्रकार भी सच्चाई जानते हैं. पुलिस बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. वहां पुलिस कहती है क्या हम भी बनारस की तरह किसी के सिर पर सिर मार दें. इन लोगों को हर जगह वोट दिखाई दे रहा है. इसलिए इस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं. ये लोग जितना हारे हैं, जनता इससे भी बुरी तरह हराएगी तभी इनका इलाज हो सकता है. 

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उनका ऑफर खत्म करना पड़ेगा: अखिलेश

वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा, एक स्टूल के नेता हैं. वो बहुत किट-किट कर रहे हैं. मुझे लगता है उनका ऑफर खत्म करना पड़ेगा. सुनने में आ रहा है कि जो स्टूल किट मंत्री हैं, उधार पर बैठे हुए हैं. उन्हें हुकुम मिलता है. कभी इधर-कभी उधर. कम से कम उन्हें जातीय जनगणना की बात करनी चाहिए. जो आरक्षण खत्म हो रहा है उसके बारे में बात करनी चाहिए. 

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