Advertisement

कानपुर: पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत के परिवार से मिलने जाएंगे सपा प्रमुख अखिलेश यादव

सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कानपुर देहात में बलवंत सिंह के परिवार से मिलने जाएंगे. बलवंत सिंह की कुछ दिनों पहले ही कस्टडी में मारे गए थे. पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत सिंह की पत्नी शालिनी सिंह ने अखिलेश यादव को पत्र लिखा था. पत्र लिखकर उन्होंने अखिलेश को कानपुर आने की गुहार लगाई थी.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को कानपुर देहात में बलवंत सिंह के परिजनों से मिलने जाएंगे. उसके बाद कानपुर जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी से मिलने कानपुर शहर जाएंगे. कानपुर में वह जेल में विधायक और उनके भाई से मुलाकात करके एक कार्यकर्ता के घर जाएंगे वहां से लखनऊ लौट जाएंगे.

बता दें कि पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत सिंह की पत्नी शालिनी सिंह ने अखिलेश यादव को पत्र लिखा था. पत्र लिखकर उन्होंने अखिलेश को कानपुर आने की गुहार लगाई थी. जिस वजह से अखिलेश यादव ने कानपुर दौरे का प्रोग्राम बनाया. पत्र में शालिनी ने लिखा आपसे हाथ जोड़कर न्याय दिलाने का निवेदन किया. उन्होंने बताया कि मेरे पति को पुलिस हिरासत में बड़ी बेहरैमी के साथ मार दिया गया. मृतक की पत्नी ने अखिलेश यादव को घर आने का भी निमंत्रण दिया.

Advertisement

बलवंत सिंह के शरीर पर पाए गए 22 चोटों के निशान

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में लूट के शक में उठाए गए व्यापारी बलवंत सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत का मौत हो गई थी. मृतक बलवंत सिंह के शरीर पर सिर से लेकर पैर तक 22 से ज्यादा चोट के निशान पाए गए. उसके शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जहां पर चोट के निशान नहीं पाए गए. हाथ बांधकर पीटने से कलाइयों में घाव के निशान मिले. दरअसल, 6 दिसंबर की रात में मृतक बलवंत सिंह के चाचा चंद्रभान सिंह के साथ बाइक सवार तीन बदमाशों ने आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर तमंचे के बल पर उनसे रुपए की लूट की थी. 

चंद्रभान ने लूट का मुकदमा शिवली थाने में दर्ज कराया था. पुलिस उसकी जांच कर रही थी. जांच में पुलिस ने गांव के 3 लोगों को उठाया था. इनसे पूछताछ में पुलिस ने बलवंत का नाम सामने आने की जानकारी दी थी. इसके बाद बलवंत को पुलिस ने उठाया. पुलिस की तरफ से बताया गया था कि बलवंत जब खुद चलकर थाने आया तो उसके सीने में दर्द होने लगा, इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

Advertisement

शव का हुआ पोस्टमार्टम

वहीं मृतक बलवंत के परिजनों का आरोप था कि बलवंत गांव के ही राम राठौर के साथ अपनी पिकप गाड़ी से 12 दिसंबर को चोकर लेने रनिया गया हुआ था, तभी उसको पुलिस टीम ने उठा लिया और रनिया थाने ले जाकर इस कदर पिटाई की कि उसकी मौत हो गई और दो दिन से राम राठौर भी गायब था. एसपी सुनीति ने बलवंत की हार्ट अटैक से मौत होने की बात कही तो परिजनों ने हंगामा करते हुए शव को पोस्टमार्टम से बाहर निकाल कर शरीर पर चोट के निशान को देखा तो भड़क गए. 

पुलिस कस्टडी में ही हुई बलवंत की मौत

परिजनों ने पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाया और शव का पोस्टमार्टम कानपुर नगर में कराने की मांग की थी. 13 दिसंबर की रात में शव का पोस्टमार्टम जब कानपुर में हुआ तो परिजनों का आरोप सच साबित हुआ. बलवंत के शरीर पर 22 से अधिक चोटों के निशान मिले. मृतक के दोनों हाथों की कलाइयों पर निशान, पैर के तलवों से लेकर घुटनों तक, कमर के नीचे और पीठ पर लाठियों के निशान मिले. डॉक्टरों मे चर्चा थी कि मृतक की तड़प तड़प कर मौत हुई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement