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रामचरितमानस को लेकर एक और सपा नेता ने दिया विवादित बयान, स्वामी प्रसाद मौर्य का किया समर्थन

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद एक और सपा नेता ने ऐसा ही बयान दिया है. बांदा जिले की एक सीट से पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति ने मौर्य का समर्थन करते हुए कहा कि रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों से आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज और महिलाओं को ठेस पहुंचती है.

स्वामी प्रसाद मौर्य (L) और ब्रजेश प्रजापति (R) स्वामी प्रसाद मौर्य (L) और ब्रजेश प्रजापति (R)
समर्थ श्रीवास्तव
  • बांदा,
  • 24 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए बयान के विवाद अभी थमा भी नहीं था कि एक और सपा नेता ने ऐसा ही बयान दे दिया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब एक और सपा नेता ने धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस पर विवादित बयान दिया है. सपा नेता व पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति ने भी स्वामी प्रसाद का समर्थन करते हुए कहा कि रामचरितमानस में कुछ आपत्तिजनक पंक्तियां हैं, उन्हें सरकार हटा दे या फिर रामचरित मानस को ही बैन कर दिया जाए.

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ब्रजेश प्रजापति ने कहा कि रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों से आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज और महिलाओं को ठेस पहुंचती है. बयान के साथ ही ब्रजेश प्रजापति ने सोशल मीडिया में भी रामचरित मानस की एक चौपाई को हाईलाइट करते हुए पोस्ट डाली. उसमें उन्होंने लिखा 'इस पर हमारा भी विरोध है.'

भाजपा की ओर से रह चुके हैं विधायक

आपको बता दें कि ब्रजेश प्रजापति बांदा की तिन्दवारी विधानसभा से भाजपा की ओर से विधायक रह चुके हैं. लेकिन 2022 के चुनावों से पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी थी तभी ब्रजेश प्रजापति भी उनके साथ ही सपा में शामिल हो गए थे.

अपने बयान पर अडिग हैं स्वामी प्रसाद मौर्य

विवाद बढ़ने के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर सफाई दी है और वो अपने बयान पर डंटे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया है, ना ही रामचरितमानस का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है.

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ऐसे बयानों से सपा में तकरार

सपा नेताओं की ऐसी बयानबाजी से पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंच रहा है. शिवपाल यादव ने तो इस बयान से किनारा कर लिया है लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सपा में अंदरखाने भी अब इस बयान को लेकर तकरार है. सपा के कुछ सवर्ण नेताओं ने इस बयान पर आपत्ति जताई है. 

क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने? 

इन दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान से बबाल मचा हुआ है. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. 

रामचरितमानस के अंश पर जताई आपत्ति

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.

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भाजपा ने बताया सपा का एजेंडा

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर भाजपा अब समाजवादी पार्ट पर हमलावर है. भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान समाजवादी पार्टी का एजेंडा है. वह तुष्टिकरण और हिंदुओं को अपमानित करने के लिए जानबूझकर रामचरितमानस का अपमान कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा में थे, तब ऐसी बदजुबानी नहीं करते थे. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के बयान का खामियाजा सपा को भुगतना पड़ेगा. चुनावों में जनता ईवीएम का बटन दबाकर इसका जवाब देगी.

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