
समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया टि्वटर हैंडल पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार हुए मनीष जगन अग्रवाल जेल से रिहा हो गया है. लखनऊ पुलिस ने कल शांति भंग के आरोप में मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.
6 जनवरी को लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया इंचार्ज डॉ. ऋचा राजपूत ने समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के टि्वटर हैंडल पर रेप और जान से मारने की धमकी दिए जाने पर केस दर्ज करवाया था. इसके बाद लखनऊ की हजरतगंज थाना पुलिस ने अग्रवाल को रविवार सुबह गिरफ्तार किया. इस गिरफ्तारी के साथ ही यूपी में सिसायी बवंडर मच गया था.
BJP नेता ने दर्ज कराई थी शिकायत
बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत ने अपने शिकायत में कहा था कि, 'समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी जा रही है, मुझे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव की होगी.' ऋचा की शिकायत पर लखनऊ पुलिस ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया था.
सपा मीडिया सेल नाम से अकाउंट चलाता है मनीष
बीजेपी नेत्री ऋचा राजपूत ने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी के टि्वटर हैंडल से लगातार अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. इससे पहले सपा मीडिया सेल @MediaCellSP नाम के इस अकाउंट पर आरएसएस से जुड़े प्रमोद कुमार पांडे ने विभूति खंड थाने में केस दर्ज करवाया था. उन्होंने भी अभद्र भाषा का उपयोग करने का इल्जाम लगाया था.
बीते दिन अखिलेश यादव खुल पहुंचे थे जेल
बता दें कि मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद लखनऊ पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे. इसके बाद वो मनीष अग्रवाल से मिलने लखनऊ जेल भी गए.
'सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं'- अखिलेश ने दिया था बयान
मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी पर अखिलेश ने बीते दिन ही कहा था कि बीजेपी सरकार से न्याय की उम्मीद न करें. पुलिस और प्रशासन अन्याय और झूठ बोलने वालों के साथ है. सच बोलने वालों को सजा मिलेगी. यह सिर्फ एक दिन की बात नहीं है, बीजेपी अपने लोगों से जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करवाती है ताकि दूसरे जवाब दें.
चाय में जहर की कही थी बात
बीते दिन अखिलेश जब पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे तो उन्होंने वहां की चाय तक पीने से इनकार कर दिया था. दरअसल पुलिस वालों ने जब उन्हें चाय पीने को कहा तो अखिलेश ने कहा- हम यहां की चाय नहीं पियेंगे. हम अपनी (चाय) लाएंगे, कप आपका ले लेंगे. हम नहीं पी सकते, जहर दे दोगे तो? हमें भरोसा नहीं. हम बाहर से मंगा लेंगे.