
रामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम हैं. हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया है, ना ही रामचरितमानस का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है.
सपा नेता स्वामी प्रसाद ने कहा कि उन्होंने किसी ग्रंथ या भगवान के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है. बल्कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमने रामायण की उन चौपाइयों पर आपत्ति जताई है, जिसमें दलितों और पिछड़ों को अपमानित किया गया है, उस अंश को रामचरितमानस से निकालने की बात कही है.
हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आज लखनऊ में FIR दर्ज की गई है. लखनऊ के ऐशबाग के रहने वाले शिवेंद्र मिश्रा ने हजरंतगंज कोतवाली में IPC की धारा 295 ए, 298, 504, 505(2),153a के तहत एफआईआर दर्ज कराई है.
क्या कहा था स्वामी प्रसाद ने?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. उन्होंने कहा कि जब इनकी किसी बात पर टिप्पणी की जाती है, तो चंद मुट्ठीभर धर्म के ठेकेदार जिनकी इसी पर रोजी-रोटी चलती है वह कहते हैं कि हिंदू भावना आहत हो रही है.
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