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समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव बनकर ठगी करने के मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया है. यूपी एसटीएफ ने बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह के छठे सदस्य को गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ ने हजरतगंज इलाके से बस्ती के रहने वाले समीउल्लाह हक अंसारी उर्फ सैफी को गिरफ्तार किया है. बता दें कि यूपी एसटीएफ ने 21 अप्रैल 2022 को स्वामी प्रसाद मौर्य के कथित निजी सचिव अरमान खान समेत पांच लोगों को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था. इस दौरान पूछताछ और जांच में समीउल्लाह हक अंसारी का नाम सामने आया. यह गिरोह सचिवालय और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगता था.
बता दें कि 21 अप्रैल 2022 को अरमान खान और उसके चार साथी फैजी, असगर, विशाल, अमित को हजरतगंज में पकड़ा गया था.इन लोगों ने सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर कई बेरोजगारों से रुपये हड़पे थे.
मालूम हो कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद काफी विवाद हुआ था. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.
रामचरितमानस के अंश पर जताई थी आपत्ति
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. तुलसीदास की रामायण की चौपाई है. इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं.