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'ASI किसके कहने पर काम करती है?', जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति नहीं मिलने पर बोले सांसद बर्क

जामा मस्जिद की रंगाई पुताई की अनुमति हाईकोर्ट से नहीं मिलने पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बयान आया है. उन्होंने कहा कि मस्जिद या किसी भी दूसरे धार्मिक स्थल पर एक रुटीन के अनुसार रंगाई पुताई होती है.

जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति नहीं मिलने पर सांसद बर्क ने उठाया सवाल जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति नहीं मिलने पर सांसद बर्क ने उठाया सवाल
अभिनव माथुर
  • संभल,
  • 01 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

जामा मस्जिद की रंगाई पुताई की अनुमति हाईकोर्ट से नहीं मिलने पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का बयान आया है. उन्होंने कहा कि मस्जिद में रंगाई-पुताई की बात कोई बड़ी चीज नहीं है. मस्जिद या किसी भी दूसरे धार्मिक स्थल पर एक रुटीन के अनुसार रंगाई पुताई होती है. हम कानून और कोर्ट को मानने वाले लोग हैं. हाईकोर्ट द्वारा जो कमेटी बनाई गई थी, अगर उसमें हाईकोर्ट ने अपना प्रतिनिधि भेजा होता तो रिपोर्ट इस तरह आने के बजाय सही आती. सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि ASI किसके कहने पर करती है काम?

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आपको बता दें कि संभल जामा-मस्जिद की रंगाई-पुताई को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए रंगाई-पुताई की अनुमति नहीं दी. हालांकि कोर्ट ने साफ-सफाई की अनुमति जरूर दी है.

यह भी पढ़ें: संभल की जामा मस्जिद पर ASI का खुलासा... फर्श बदली, दीवारों पर पेंट, हाईकोर्ट में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट

बर्क ने यूपी सरकार के हलफनामे पर भी उठाया सवाल

यूपी सरकार द्वारा संभल की जामा मस्जिद को लेकर दिए गए हलफनामे में मस्जिद सरकारी जमीन पर बने होने का दावा किया है. बर्क ने सरकार के हलफनामे पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि ये बेवकूफी की बात है. हमारे धर्म में साफ कहा गया है कि जमीन को खरीद कर ही मस्जिद बनाई जा सकती है. सरकार के पास इसके कोई सबूत नहीं हैं. लेकिन इस तरह की बात कह कर लोगों को गुमराह करना ठीक नहीं है. जामा मस्जिद अपनी जगह पर बिल्कुल ठीक है.

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पिछले साल नवंबर में भड़की थी हिंसा

पिछले साल नवंबर में संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि, अभी भी कई लोग फरार हैं. पुलिस लंबे समय से उनकी तलाश में जुटी है. बीते दिनों पुलिस ने फरार उपद्रवियों की फोटो सार्वजनिक जगहों पर चस्पा करते हुए, लोगों से उनके बारे में जानकारी मांगी थी. 

अभी तक संभल हिंसा में शामिल 76 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ऐसे उपद्रवियों की पहचान में जुटी हुई है जो कि 24 नवंबर 2024 की हिंसा में शामिल थे. हिंसा की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम के द्वारा संभल शहर के कई इलाकों में उपद्रवियों के पोस्टर फोटो के साथ चस्पा किए गए हैं. 

सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए पोस्टर में साफ तौर पर लिखा गया है कि 24 नवंबर 2024 की हिंसा में यह व्यक्ति शामिल था जिसकी पहचान नहीं हो पाई है. इनका नाम और पता बताने वाले को इनाम दिया जाएगा. जिस किसी व्यक्ति को इसके बारे में जानकारी मिले तो वह संभल पुलिस के नंबरों पर सूचित करें. 

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