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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: अदालत के फैसले पर ईदगाह कमेटी ने जताई आपत्ति, बोले- कोर्ट खुलते ही...

मथुरा कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि कोर्ट अमीन विवादित जमीन का निरीक्षण करें और 20 जनवरी तक अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा करवाएं. हिंदू सेना की याचिका पर अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष कार और ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे.

मथुरा कोर्ट ने अमीन सर्वे के आदेश दिए हैं मथुरा कोर्ट ने अमीन सर्वे के आदेश दिए हैं
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

मथुरा सिविल कोर्ट द्वारा कृष्ण मंदिर के पास विवादित भूमि के अमीन निरीक्षण के फैसले पर ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताई है. मथुरा कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि कोर्ट अमीन विवादित जमीन का निरीक्षण करें और 20 जनवरी तक अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा करवाएं. हिंदू सेना की याचिका पर अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष कार और ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे. 

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वहीं हिंदू महासभा की ओर से पक्षकारों ने इस फैसले पर अपनी खुशी जताई है. इन्हीं पक्षकारों में से एक महेंद्र प्रताप सिंह ने मांग की है कि सिर्फ अमीन निरीक्षण ही नहीं बल्कि जमीन का पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, जिससे बहुत सारी ऐतिहासिक बातों का पता चल सकेगा. ईदगाह कमेटी की तरफ से मुस्लिम पक्षकार तनवीर अहमद ने आजतक से कहा है कि वह 2 जनवरी के दिन अदालत खुलते ही कोर्ट के सामने इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग करेंगे, अन्यथा सत्र न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देंगे.

इस मामले में वादी दिनेश कौशिक ने कहा कि 1968 में मंदिर और ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता गैरकानूनी और अमान्य था, क्योंकि कृष्ण जन्म भूमि की ओर से जिस संगठन ने सुलहनामा किया, उसे इसका अधिकार नहीं था. उधर, मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील तनवीर अहमद ने कहा कि वह फैसला हुआ था तो सर्वमान्य था और कानूनी था. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अभी तक उन्हें अदालत के फैसले के बाद किसी तरह का नोटिस नहीं दिया गया. ऐसे में कानूनी प्रक्रिया एकतरफा नहीं हो सकती. 

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