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Mahakumbh Stampede: 'हर तरफ से धक्का-मुक्की, भागने का मौका नहीं, गिरे तो फिर उठ ना सके', महाकुंभ भगदड़ पीड़ितों की आपबीती

MahaKumbh Stampede News: मौके पर मौजूद रही कर्नाटक की सरोजिनी ने रोते हुए कहा कि भागने का कोई मौका नहीं था, हर तरफ से धक्का-मुक्की हो रही थी, देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई. जब कुछ माहौल शांत हुआ तो परिजनों की तलाश में जुट गए.  

महाकुंभ में भगदड़ के बाद का मंजर महाकुंभ में भगदड़ के बाद का मंजर
aajtak.in
  • प्रयागराज ,
  • 29 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

प्रयागराज महाकुंभ मेले में आधी रात भगदड़ मच गई जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं. घटना रात 2 बजे के करीब हुई, जब मौनी अमावस्या के स्नान के लिए लाखों की भीड़ संगम घाट पहुंची थी. आधी रात एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के तेज़ सायरन ने सभी को सकते में डाल दिया. आनन-फानन में घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित अस्पताल ले जाया गया. इस बीच मौके पर मौजूद रही कर्नाटक की सरोजिनी ने रोते हुए कहा कि भागने का कोई मौका नहीं था, हर तरफ से धक्का-मुक्की हो रही थी, देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई. जब कुछ माहौल शांत हुआ तो परिजनों की तलाश में जुट गए.  

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प्रयागराज के एक अस्पताल के बाहर खड़ी सरोजिनी ने भावुक होते हुए न्यूज एजेंसी से कहा कि हम दो बसों में 60 लोगों के समूह में आए थे. मेरे ग्रुप में नौ लोग थे. अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की हुई और हम फंस गए. हममें से कई लोग गिर गए और भीड़ अनियंत्रित हो गई. अब अपनों के इंतजार में हैं, ताकि कोई खबर मिले. 

वहीं, मध्य प्रदेश के छतरपुर के एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी मां घायल हो गई है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि मेघालय का एक अधेड़ विवाहित जोड़ा भीड़ में छूट गया, दोनों रोते हुए पत्रकारों को हंगामे में फंसने के अपने दर्दनाक अनुभव के बारे में बता रहे थे. 

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अस्पताल में मौजूद एक अन्य महिला, जिसका बच्चा इस अफरातफरी में घायल हो गया, ने अपनी आपबीती सुनाई और दावा किया- "हमारे पास भागने लिए कोई जगह नहीं थी. कुछ लोग जो हमें धक्का दे रहे थे, वे हंस रहे थे, जबकि हम उनसे बच्चों के प्रति दया की भीख मांग रहे थे." 

आपको बता दें कि यह घटना रात करीब 2 बजे हुई, जब संगम और महाकुंभ के लिए नदी के किनारे 12 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बनाए गए अन्य घाटों पर भीड़ उमड़ पड़ी थी. घटना के बाद भी आम श्रद्धालु पवित्र स्नान करते रहे. वहीं अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के लिए अपने पारंपरिक अमृत स्नान को स्थगित कर दिया. हालांकि, बाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर हम लोग स्नान करेंगे. 

महाकुंभ में तीर्थयात्रियों की संभावित आमद को देखते हुए मेला अधिकारियों ने बीते दिन ही एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें श्रद्धालुओं से सुरक्षा और सुविधा के लिए भीड़-प्रबंधन संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया. तीर्थयात्रियों से संगम घाट तक पहुंचने के लिए निर्धारित लेन का उपयोग करने, स्नान क्षेत्र में पहुंचने के दौरान अपनी लेन में रहने और पवित्र स्नान के बाद घाटों पर देर तक न रुकने के लिए कहा गया. उन्हें सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत पार्किंग क्षेत्रों या अपने गंतव्यों की ओर बढ़ने का आग्रह किया गया. 

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आगंतुकों को बैरिकेड्स और पंटून पुलों पर धैर्य रखने, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्दबाजी या धक्का-मुक्की से बचने के लिए याद दिलाया गया. प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि 'संगम के सभी घाट समान रूप से पवित्र हैं', श्रद्धालुओं को 'भीड़भाड़ से बचने के लिए पहले घाट पर स्नान करने' के लिए प्रोत्साहित किया. 

मालूम हो कि 12 वर्षों के बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा. मेले की मेजबानी कर रही यूपी सरकार को उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में कुल 40 करोड़ तीर्थयात्री आएंगे. जबकि, आज मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है और इसमें लगभग 10 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. 

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