
रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं. उनके खिलाफ यूपी के ही तीन थानों में शिकायत दर्ज करने को लेकर तहरीर दे दी गई है. वहीं दूसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी स्वामी के बयान से खासा नाराज बताए जा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि लखनऊ के हजरतगंज ठाकुरगंज और आलमबाग कोतवाली थाने में स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है. हजरतगंज ठाकुरगंज थाने में अखिल भारत हिंदू महासभा ने FIR के लिए तहरीर दी है. आलमबाग कोतवाली में भारतीय किसान मंच के देवेंद्र तिवारी ने तहरीर दी है और ठाकुरगंज कोतवाली में अवधेश तिवारी ने एफआईआर के लिए तहरीर दी है. अब इस समय एक तरफ स्वामी पर केस दर्ज होने का दबाव है तो वहीं दूसरी तरफ वे अपनी ही पार्टी में भी घिरते जा रहे हैं.
जानकारी मिली है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य से नाराज हैं. उन्होंने खुद को उस बयान से अलग कर लिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मुद्दे पर अपनी बात जनता के सामने रख सकते हैं. लेकिन पार्टी के भीतर ये चर्चा जरूर है कि अगर रामचरितमानस में यह चौपाई लिखी है तो फिर क्यों न बीजेपी से पूछा जाए कि क्या वह इन चुनिंदा चौपाइयों से सहमत है!
रविवार को आजतक से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए.