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फिल्म Adipurush पर स्वामी प्रसाद मौर्य आगबबूला, मनोज मुंतशिर को लेकर कही ये बात

फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) के डायलॉग पर बवाल मचा हुआ है. फिल्म के डायरेक्टर और राइटर लोगों के निशाने पर हैं. इसी क्रम में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी फिल्म पर आगबबूला हैं. उन्होंने फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि फिल्म में पात्रों से अमर्यादित भाषा बुलवाकर महापुरुषों को अपमानित किया गया है.

आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग पर आगबबूला स्वामी प्रसाद मौर्य. आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग पर आगबबूला स्वामी प्रसाद मौर्य.
aajtak.in
  • भदोही,
  • 19 जून 2023,
  • अपडेटेड 6:46 AM IST

रामचरित मानस की चौपाइयों पर सवाल खड़ा कर हंगामा कराने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य फिल्म आदिपुरुष पर आगबबूला हैं. मौर्य ने आदिपुरुष फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि फिल्म में प्रकांड विद्वान रावण और रामदूत हनुमान सहित अन्य पात्रों से अमर्यादित भाषा बुलवाकर महापुरुषों को अपमानित किया गया है. यूपी के मिर्जापुर जाने के दौरान भदोही के गोपीगंज में उन्होंने ये बातें कहीं.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि फिल्म में मनोज मुंतशिर और ओम राउत ने गुंडे मवालीयों और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके पात्रों की जुबान से डायलॉग बुलवाए हैं. उन्होंने देश के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड विद्वान रावण, कुशल राजनायक राजदूत हनुमान, मेघनाद आदि को अपमानित किया है. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इतना ही नहीं इस फिल्म को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए.

'उनकी मजबूरी है कि वो कहीं और गठबंधन में जाएं'

मौर्य ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों पर कहा की वो गठबंधन की पैदाइश हैं. साल 2001 से उनकी पार्टी बनी है. मगर, विधायक तभी बने जब बीजेपी से गठबंधन किया. फिर सपा से गठबंधन कर 8 विधायक बनाए. अब सपा से उनका गठबंधन नहीं है, इसलिए उनकी मजबूरी है कि वो कहीं और गठबंधन में जाएं. 

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मनोज मुंतशिर का ट्वीट- बदले जाएंगे डायलॉग

बता दें कि फिल्म आदिपुरुष पर मचे बवाल के बीच मनोज मुंतशिर ने कहा है कि इसी हफ्ते फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे और उन्हें फिल्म में शामिल किया जाएगा. 'आदिपुरुष' के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने शनिवार को अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा था कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जानबूझकर किया गया है ताकि यंग ऑडियंस रिलेट कर सके.

उन्होंने कहा कि भारत के कई कथावाचक इसी तरह की भाषा में कथा सुनाते आए हैं. मगर अब मनोज ने फिल्म के डायलॉग्स को लेकर ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है. उन्होंने कहा कि जनता की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है. अपने ट्वीट में मनोज ने लिखा कि उन्होंने 'आदिपुरुष' में प्रभु श्रीराम का यशगान किया जिसके लिए उन्हें तारीफ नहीं मिली. लेकिन 5 लाइनों के लिए उनकी आलोचना में लोगों ने बहुत कुछ कहा.

'उनके लिए प्रशंसा मिलनी थी, पता नहीं क्यों मिली नहीं'

ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्रीराम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं.'

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(रिपोर्टः महेश जायसवाल)

 

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