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'स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं', रामचरित मानस विवाद पर बोले शिवपाल यादव

पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मौर्य ने इस्तीफा दे दिया था और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. बाद में उन्हें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान परिषद भेजा था.

स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर शिवपाल यादव का बयान स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर शिवपाल यादव का बयान
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 22 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:10 AM IST

रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस तरह के धार्मिक मुद्दों में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम सभी ने कहा है कि हम धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों से दूर रहना चाहते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य को इस तरह के धार्मिक मुद्दों से दूर रहने के निर्देश दिया गया है. भाजपा हमेशा चाहती है कि इस मुद्दे को उठाया जाए."

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक उन्होंने कहा, "हम भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हैं. हम भगवान कृष्ण के वंशज हैं. हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है. हम धर्मनिरपेक्ष हैं. हम भाजपा की पिच पर खेलना नहीं चाहते. हम समाजवादी लोग हैं."

बता दें कि पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मौर्य ने इस्तीफा दे दिया था और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. बाद में उन्हें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान परिषद भेजा था.

24 जनवरी को मौर्य के खिलाफ हजरतगंज थाने में रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उनके और अन्य के खिलाफ 29 जनवरी को पीजीआई थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी. कारण, मौर्य ने 22 जनवरी को आरोप लगाया था कि रामचरितमानस के कुछ अंश जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का "अपमान" करते हैं और कहा कि इन पर "प्रतिबंध" लगाया जाना चाहिए.

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