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टीवी डिबेट में स्वामी प्रसाद मौर्य और राजू दास के बीच मारपीट की नौबत

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को लेकर अपने बयान की वजह से विवादों में चल रहे हैं. इसी कड़ी में वे एक टीवी कार्यक्रम में गए थे, वहां पर राजू दास परमहंस भी मौजूद थे जिनके साथ उनकी तीखी बहस शुरू हो गई. बाद में उस बहस की वजह से मारपीट तक की नौबत आ गई.

स्वामी प्रसाद मौर्य और राजू दास के बीच मारपीट की नौबत स्वामी प्रसाद मौर्य और राजू दास के बीच मारपीट की नौबत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को लेकर अपने बयान की वजह से विवादों में चल रहे हैं. इसी कड़ी में वे एक टीवी कार्यक्रम में गए थे, वहां पर राजू दास परमहंस भी मौजूद थे जिनके साथ उनकी तीखी बहस शुरू हो गई. बाद में उस बहस की वजह से मारपीट तक की नौबत आ गई.

बताया जा रहा है कि डिबेट के दौरान राजू दास परमहंस इस बात पर भड़क गए कि स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा भगवान राम का अपमान किया गया. इसी वजह से डिबेट के दौरान दोनों तरफ से तीखी बहस शुरू हो गई. देखते ही देखते माहौल ज्यादा गर्म हो गया और मारपीट तक की नौबत आई. राजू दास तो दावा कर रहे हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने उन्हें पीटा है. इस वजह से वे मौर्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने जा रहे हैं.

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वैसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख दिया था. 
स्वामी प्रसाद ने पत्र में बताया है कि ताज होटल में आयोजित कार्यक्रम से निकलने के दौरान अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और उनके समर्थकों के द्वारा तलवार और फरसा से हमले की कोशिश की गई.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या बोला था?

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है.

स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सवाल उठाते हुए ये भी कहा था कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए. क्या यही धर्म है?

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इस एक बयान की वजह से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कई थानों में शिकायत भी दर्ज हुई थी, बीजेपी ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी.

 

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