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Muzaffarnagar: टीचर की हत्या से प्रदेश के शिक्षकों में उबाल, UP Board कॉपी चेकिंग का किया बहिष्कार, अखिलेश बोले- शिक्षा मंत्री हो तों जाग जाएं

मुजफ्फरनगर में मामूली विवाद में सिपाही ने अपनी कार्बाइन से टीचर को गोलियों से भून दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद यूपी के टीचरों का गुस्सा फूट पड़ा, उन्होंने सड़क जाम कर विरोध-प्रर्दशन शुरू कर दिया. उनके प्रोटेस्ट को सपोर्ट करने किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंच गए. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है.

मुजफ्फरनगर की घटना पर फूटा शिक्षकों का गुस्सा मुजफ्फरनगर की घटना पर फूटा शिक्षकों का गुस्सा
aajtak.in
  • मुजफ्फरनगर ,
  • 19 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक सरकारी टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. गोली मारने का आरोप एक सिपाही पर लगा है. बताया जा रहा है कि सिपाही ने अपनी कार्बाइन से टीचर को गोलियों से भून दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद टीचरों का गुस्सा फूट पड़ा, उन्होंने सड़क जाम कर विरोध-प्रर्दशन शुरू कर दिया. उनके इस प्रोटेस्ट को सपोर्ट करने किसान नेता राकेश टिकैत भी सर्कुलर रोड पहुंचे. अखिलेश यादव ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है. वहीं, टीचरों ने हत्यारोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार का ऐलान कर दिया. 

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टीचरों का की मांग है कि जल्द से जल्द हत्यारोपी पर सख्त एक्शन लिया जाए और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाए.  नहीं तो प्रदेश भर के टीचर यूपी बोर्ड की कॉपियां नहीं चेक करेंगे. 

मामले में एसपी (सिटी) सत्यनारायण प्रजापति ने कहा कि मृतक टीचर धर्मेंद्र कुमार वाराणसी से शिक्षा विभाग की एक टीम का हिस्सा थे, जो यहां (मुजफ्फरनगर) एसडी इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर आई थी. 

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प्रजापति ने आगे कहा कि ग्रुप में एक अन्य शिक्षक और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे और उनके साथ वाराणसी की एक पुलिस टीम भी थी. रविवार की रात जब यह घटना हुई, तब शिक्षा विभाग और वाराणसी पुलिस की टीम एक वाहन में कॉलेज गेट खुलने का इंतजार कर रही थी. 

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जब धर्मेंद्र कुमार वाहन में थे तो उनकी हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश से बहस हो गई, जिसके बाद चंद्र प्रकाश ने अपने सर्विस करबाईन से टीचर पर गोली चला दी. घायल टीचर को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 

अखिलेश यादव ने कही ये बात 

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा- "भाजपाई शासन का अहंकार धीरे-धीरे प्रशासन पर भी आने लगा है. पहले भी एक सिपाही ने लोगों की हत्या की थी और आज फिर. झूठे एनकाउंटर करवाने वाली भाजपाई सरकार ने पुलिस व्यवस्था तक में कुछ लोगों को हिंसक बना दिया है. मृतक शिक्षक के परिजनों को 5 करोड़ का मुआवज़ा दिया जाए और आरोपी पुलिसवाले को उसके किये की सज़ा. प्रदेश में कोई शिक्षा मंत्री हों तो वो भी जागें."

टीचरों ने सर्कुलर रोड को जाम किया

प्रदर्शनकारी टीचरों के अनुसार, हत्यारोपी पुलिसकर्मी शराब के नशे में था और जब उसने टीचर से तंबाकू की मांग की तो दोनों के बीच बहस हो गई. इसके बाद उसने टीचर को गोली मार दी. 

राज्य सरकार को संबोधित एक ज्ञापन में, प्रदर्शनकारी टीचरों ने मृतक के परिवार के लिए कम से कम 10 करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. 

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उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा और जिला अधिकारियों से लिखित आश्वासन की मांग की गई. टीचरों ने यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है. 

वहीं, पुलिस ने टीचर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हत्यारोपी हेड कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. एसपी ने कहा कि 'वाहन में मौजूद अन्य सभी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है.'

प्रदेश भर के टीचरों ने जताया रोष 
 
इस बीच कौशाम्बी जिले में, मुजफ्फरनगर की घटना से नाराज टीचरों ने यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया और एक घंटे के लिए प्रयागराज-चित्रकूट मार्ग को भी जाम कर दिया. 

जिला विद्यालय निरीक्षक सच्चिदानंद यादव ने बताया कि जिले के मंझनपुर तहसील के दुर्गा देवी इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य चल रहा था. उन्होंने कहा, ''मुजफ्फरनगर में शिक्षक की हत्या से मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षक नाराज हो गए और कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया.'' जिसके बाद मंझनपुर उपजिलाधिकारी आकाश सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी टीचरों से बात की.

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उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मृतक शिक्षक के परिवार को आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई. 

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