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यूपी के पीलीभीत में 10 घंटे रहा बाघ का आतंक… बेहोश कर वन विभाग की टीम ने ऐसे किया काबू 

यूपी के पीलीभीत में जब स्थानीय लोगों ने बाघ को देखा, तो उनके होश उड़ गए. आनन-फानन में वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. वन विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत करते हुए करीब 10 घंटे बाद बाघ पर काबू पाया. इस दौरान बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वन विभाग की टीम ने ऐसे पकड़ा बाघ. वन विभाग की टीम ने ऐसे पकड़ा बाघ.
सौरभ पांडे
  • पीलीभीत,
  • 26 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

यूपी के पीलीभीत में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब एक बजे जंगल से निकलकर एक बाघ रिहायशी इलाके में घुस आया था. सुबह जब स्थानीय लोगों ने उसे देखा, तो उनके होश उड़ गए. आनन-फानन में वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी गई. वन विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी मेहनत करते हुए करीब 10 घंटे बाद बाघ पर काबू पाया. 

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इस बीच पीलीभीत के कलीनगर तहसील क्षेत्र के अटकोना गांव के स्थानीय लोगों में दहशत भी थी और बाघ को देखने का रोमांच भी था. लोगों की भीड़ घरों और छतों से खड़े होकर बाघ को अपने इलाके में लाइव देख रही थी. इस बीच कुछ ग्रामीणों ने बाघ का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जो अब वायरल हो रहा है. 

ऐसे किया गया काबू…

वन विभाग के कर्मचारी बाघ को बेहोश करने के लिए गन लेकर पहुंचे थे. उसे ट्रैंक्विलाइज करने (बेहोशी की दवा का इंजेक्शन) के बाद पहले उसकी आंखों पर काला कपड़ा डालने की कोशिश की गई. फिर उसे तीन ओर से घेरने के बाद हरे रंग के बड़े से कपड़े से ढंकने की कोशिश की जाने लगी. मगर, बेहोशी की दवा के असर के बाद भी बाघ उनके काबू में नहीं आ रहा था. 

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इस बीच ग्रामीणों का शोर भी वीडियो में साफ सुना जा सकता है. वे लोग बाघ को पड़कने के अभियान में थोड़ी बाधा पहुंचा रहे थे. आखिरकार किसी तरह से बाघ के बेहोश होने के बाद उसे हरे रंग के कपड़े से ढंकने के बाद काबू कर लिया गया. 

गांववालों ने की थी घेराबंदी 

अपने इलाके में बाघ को देखने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले उस दीवार की घेराबंदी कर दी थी, जिस पर बाघ बैठा था. इससे बाघ के मूवमेंट का दायरा सीमित कर दिया गया था. ग्रामीणों ने रस्सी, तार के जरिए बाघ की मौजूदगी वाले वाले एरिया को सील कर दिया गया था. 

इस दौरान बाघ ने एक घर के पास दीवार पर डेरा जमा लिया था. वह 10 घंटे से दीवार पर कभी चहलकदमी करता, तो कभी दीवार पर लेट जाता. हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं है जब बाघ किसी गांव में घुस आया हो. पीलीभीत के गांवों में अक्सर बाघों को देखा जाता है, जिससे स्थानीय ग्रामीण दहशत में रहते हैं.

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