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मथुरा की जिला जेल में रामकथा, कैदियों को दे रहे राम के आदर्शों पर चलने की सीख

मथुरा के जिला कारागार में अनोखा प्रयोग किया गया है. इसके तहत तीन दिवसीय रामकथा कराई जा रही है. मकसद है कि कैदियों में भक्ति भाव पैदा हो और साथ-साथ उनके मन को शांति मिल सके. खास बात यह है कि रामकथा को कैदी और पुलिसकर्मी एक साथ सुनकर आनंद ले रहे हैं. उम्मीद है जेल से निकलकर वे सही राह पर चलेंगे.

जिला कारागार में रामकथा का आयोजन जिला कारागार में रामकथा का आयोजन
मदन गोपाल शर्मा
  • मथुरा,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला कारागार में तीन दिवसीय रामकथा चल रही है. राम कथा के माध्यम से जिला कारागार में बंद कैदियों का हृदय परिवर्तन करने की योजना है. साथ ही इस आयोजन से उम्मीद की जा रही है कि कैदी भी भगवान राम के आदर्शों पर चलने के लिए तैयार हो सकेंगे और जेल से निकलकर सही राह पर चलेंगे. 

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कारागार  में आयोजित रामकथा को कैदी और जेलकर्मी पूरे मनोयोग और ध्यान से सुन रहे हैं. इस कथा का पाठ कैदी ही कर रहे हैं. इसे सभी कैदियों के साथ वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी ध्यान से सुन रहे हैं. इस दौरान सभी राम के आदर्शों पर चलने की सीख ले रहे हैं.

यहां देखें वीडियो...

कथा से बदलेगा कैदियों का हृदय- जिला कारागार अधीक्षक 
 
मामले में जिला कारागार के अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया, "मथुरा जिला कारागार में तीन दिवसीय रामकथा का आयोजन किया गया है. राम कथा के माध्यम से कैदियों को हृदय परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है."

उन्होंने आगे बताया, "कैदियों को प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने का अनुसरण करने के लिए रामकथा का आयोजन किया जा रहा है. इस कथा से निश्चित रूप से कैदियों में भगवान राम के आदर्शों पर चलने की भावना जागृत हो सकेगी."

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तीन युवकों ने 100 से ज्यादा थानेदारों को ठगा

इधर, पुलिसकर्मी कैदियों को सुधारने की पहल कर रहे हैं. उधर, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ठगों ने पुलिस को ही शिकार बना लिया. ठग पुलिस अधिकारी बनकर थानेदारों को फोन करते थे. पुलिस को झांसे में लेने के बाद उनसे पैसों की मांग करते थे. गिरोह के सदस्य अब तक 100 से अधिक थानेदारों को ठग चुके हैं. 

पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नितिन उर्फ निखिल शर्मा, आशु और मोनू को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह लोग फर्जी सिम और डॉक्यूमेंट के आधार पर फर्जी पुलिस अधिकारी और मुखबिर बनकर विभिन्न जनपदों के थानेदारों को कॉल करते थे. फिर पैसों की डिमांड करते थे.

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