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'मरने के बाद शरीर को चीड़ा-फाड़ा न जाए', सुसाइड नोट में अंतिम इच्छा लिख गया ट्रेनी, भाई ने जताई यौन शोषण की आशंका

UP News: कौशल विकास केंद्र में सीएनजी किट फिटर की ट्रेनिंग कर रहे 21 साल के जयदीप ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली. दरवाजा तोड़कर फंदे से युवक को निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बड़े भाई ने जयदीप के यौन शोषण की आशंका जताई है.

(सांकेतिक तस्वीर) (सांकेतिक तस्वीर)
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ ,
  • 23 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कौशल विकास केंद्र में एक ट्रेनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मौत को गले लगाने से पहले युवक 3 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ अपनी प्रताड़ना की पूरी कहानी बता गया. पुलिस ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, कौशल विकास केंद्र में सीएनजी किट फिटर की ट्रेनिंग कर रहे 21 साल के जयदीप ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली. कमरे का दरवाजा तोड़कर फंदे से युवक को निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. 

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मृतक के पिता ने तहरीर में लिखवाया कि कौशल विकास केंद्र का ट्रेनर राजेंद्र सिंह ठाकुर उनके बेटे जयदीप यादव का मानसिक उत्पीड़न करता था. नौकरी लगाने के नाम पर झांसा देता था और उससे पैसे भी ऐंठता था. यही नहीं, ट्रेनर राजेंद्र सिंह उनके बेटे जयदीप से फोन पर अश्लील वार्तालाप करता था और समाज में बदनाम करने की धमकी भी देता था. इसी से परेशान होकर जयदीप ने अकेले बंद कमरे में फांसी लगा ली.  

वहीं, मौके से सुसाइड नोट में मृतक ने लिखकर गया है कि उसके साथ मारपीट की जाती थी, फिर उसे कमरे में बंद कर दिया जाता था. उसे पागलखाने में डलवाने की बात कही जाती थी और भी कई चीजें उसके साथ हुईं, जिनका जिक्र वह सुसाइड नोट में नहीं करना चाहता.  

मृतक ने सुसाइड नोट में ट्रेनर राजेंद्र सिंह और सेंटर हेड नीरज पटेल का जिक्र किया. जयदीप ने लिखा, ''इन्हीं (राजेंद्र और नीरज) की वजह से दुनिया से विदा ले रहा हूं. मरने के बाद मेरे शरीर को चीड़ा फाड़ा न जाए. यही मेरी अंतिम इच्छा है.'' 

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वहीं, मृतक के बड़े भाई ने यौन शोषण की आशंका जताई है. उसका कहना है कि सेंटर में रहने के दौरान जयदीप परेशान चल रहा था.

इंदिरा नगर पुलिस ने मृतक के परिजनों की शिकायत पर इस मामले में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. एसएचओ छत्रपाल सिंह ने बताया कि प्रकरण में आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. 

परिवारवालों का यह भी आरोप है कि पुलिस FIR दर्ज करने में टालमटोल कर रही थी. सीएम हेल्पलाइन 1076 में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था. 

 

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